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इकलौती बेटी की मौत के बाद कदम कदम पर मांगी गई रिश्वत, रिटायर पिता ने पोस्ट शेयर कर बयां किया दर्द

बेंगलुरु में के एक रिटायर्ड व्यक्ति ने एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि कैसे उसकी इकलौती बेटी की मौत के बाद, उसे आधिकारिक कागज़ी कार्रवाई पूरी करने के लिए एम्बुलेंस चलाने वालों, पुलिस अधिकारियों, श्मशान घाट के कर्मचारियों से लेकर बृहत् बेंगलुरु महानगर पालिका के कर्मचारियों तक सब को रिश्वत देनी पड़ी।

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भारत

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Himadri Joshi

Oct 30, 2025

Bengaluru

इकलौती बेटी की मौत के बाद पिता से हर कागजी कार्रवाई के लिए मांगी गई रिश्वत (प्रतिकात्मक तस्वीर)

बेंगलुरु में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के एक रिटायर्ड अधिकारी का सोशल मीडिया पोस्ट इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में इन्होंने अपनी इकलौती बेटी की मौत से जुड़ी वह दर्दनाक कहानी बयां की है जिसे सुन कर आप भी खुद को भावुक होने से नहीं रोक पाएंगे। अधिकारी ने बताया कि, उसने कुछ ही समय पहले अपनी 34 साल की बेटी को खो दिया था और उसकी मौत के बाद उन्हें हर काम के लिए रिश्वत देने के लिए मज़बूर होना पड़ा था।

ब्रेन हैमरेज के चलते हुई बेटी की मौत

के. शिवकुमार नामक यह व्यक्ति BPCL में मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) के रूप में कार्य करता था। शिवकुमार ने लिंक्डइन पर एक भावुक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि कैसै अपनी इकलौती बेटी की मौत के बाद, आधिकारिक कागज़ी कार्रवाई पूरी करने के दौरान उन्हें भ्रष्टाचार और लोगों की असंवेदनशीलता का सामना करना पड़ा। शिवकुमार ने बताया कि उनकी बेटी का नाम अक्षय था और जिसकी 18 सितंबर, 2025 को ब्रेन हैमरेज के चलते मौत हो गई थी। बता दें कि शिवकुमार ने यह पोस्ट अब डिलीट कर दिया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक के लिए मांगे गए पैसे

इस डिलीट किए गए पोस्ट में शिवकुमार ने बताया था कि बेटी की मौत के बाद उन्हें ज़रूरी काम और कागज़ात पूरे करने के लिए एम्बुलेंस चलाने वालों, पुलिस अधिकारियों, श्मशान घाट के कर्मचारियों और बृहत् बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के कर्मचारियों समेत लगभग हर किसी को रिश्वत देनी पड़ी थी। शिवकुमार ने लिखा, हाल ही में मेरा इकलौता बच्चा 34 साल की उम्र में गुज़र गया। एंबुलेंस, FIR और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए पुलिस, रसीद देने के लिए श्मशान घाट, और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए BBMP दफ़्तर द्वारा खुल्लम-खुल्ला रिश्वत मांगी जा रही है।

खुलेआम पुलिस स्टेशन में दी रिश्वत

उन्होंने आगे यह भी बताया कि, पुलिस स्टेशन में भी उनसे नकद भुगतान करने के लिए कहा गया था। उन्होंने आगे कहा, चूंकि पुलिस को FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) और पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी देनी थी, हम चार दिन बाद मिले और उन्होंने खुलेआम मुझसे पैसे मांगे जो मैंने सबके सामने पुलिस स्टेशन में दिए। शिवकुमार ने लिखा, उन्हें अपना एकलौते बच्चा खो चुके पिता के लिए कोई हमदर्दी नहीं थी। बहुत दुख की बात है। मेरे पास पैसा था, मैंने दे दिया पर गरीब क्या करेंगे।

एम्बुलेंस ड्राइवर तक ने किया परेशान

शिवकुमार ने अपने पोस्ट में यह भी बताया कि, उनकी बेटी के शव को कासावनहल्ली के एक अस्पताल से सेंट जॉन हॉस्पिटल, कोरमंगला ले जाने के लिए एम्बुलेंस ड्राइवर ने 3,000 रुपये की मांग की थी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों द्वारा दिखाई गई असंवेदनशीलता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने सवाल किया, क्या पुलिस अधिकारियों का कोई परिवार या भावना होती है जब वे उस व्यक्ति से पैसा मांगते हैं या रूखेपन से बात करते हैं जो पहले से ही सदमे और भावनात्मक उथल-पुथल में है।

मृत्यु प्रमाण पाने के लिए भी करना पड़ा भारी संघर्ष

शिवकुमार ने आगे कहा कि यह मुश्किल यहीं खत्म नहीं हुई क्योंकि उन्हें बेटी का मृत्यु प्रमाण पत्र पाने में भी भारी संघर्ष का सामना करना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि वह पांच दिन तक BBMP के दफ्तर गए, लेकिन हर बार उन्हें यही बताया गया कि चल रहे जाति सर्वेक्षण के कारण कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं है। अंत में, उन्हें एक वरिष्ठ BBMP अधिकारी से संपर्क करने के बाद ही प्रमाण पत्र मिला, लेकिन इसके लिए उन्हें सरकारी फीस से अधिक शुल्क देना पड़ा। अपने पोस्ट के अंत में शिवकुमार ने एक भावुक अपील करते हुए लिखा, क्या नारायण मूर्ति, अज़ीम प्रेमजी और मज़ूमदार, अरबों रुपये वाले ये बड़े लोग इस शहर को बचा सकते हैं।

पोस्ट वायरल होने पर हरकत में आई पुलिस

इस पोस्ट के वायरल होने और व्यापक आक्रोश फैलने के बाद, बेंगलुरु की व्हाइटफ़ील्ड पुलिस ने तुरंत हरकत में आ गई और उन्होंने मामले की जांच शुरु कर दी। पुलिस ने एक ट्वीट शेयर करते हुए लिखा, शिवकुमार के ट्वीट में बताई गई घटना के संबंध में, बेलंदूर पुलिस स्टेशन के एक पीएसआई (PSI) और एक पुलिस कांस्टेबल को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। पुलिस विभाग किसी भी परिस्थिति में ऐसे अशोभनीय या अनुचित व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगा।