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Water Crisis In Delhi NCR: पंजाब सीएम भगवंत मान के इस फैसले से बूंद-बूंद पानी को तरस जाएगी इन राज्यों की जनता!

Punjab News: पंजाब-हरियाणा की राजनीति में सतलुज यमुना लिंक (SYL) को लेकर सियासी गर्मी तेज होती जा रही है।

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Punjab News: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कड़े लहजे में आज कहा कि किसी भी कीमत पर अन्य राज्यों के साथ एक बूंद भी अतिरिक्त पानी साझा नहीं किया जाएगा। दरअसल, SC ने कल बुधवार को केंद्र से SYL नहर के एक हिस्से के निर्माण के लिए पंजाब में आवंटित भूमि के हिस्से का सर्वेक्षण करने का फैसला सुनाया, जिसके बाद से पंजाब की सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। सभी का एकसुर में कहना है कि वो किसी भी कीमत में अन्य राज्यों के साथ पानी की एक भी बूंद साझा करने को तैयार नहीं है।


भगवंत मान ने ट्विट में क्या कहा

आज पंजाब कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई गई...जिसमें नए AG को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी...नए AG के तौर पर गुरमिंदर सिंह के नाम पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी...साथ ही बैठक में एसवाईएल के मुद्दे पर भी चर्चा हुई... किसी भी कीमत पर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी किसी भी राज्य को नहीं दिया जाएगा... जल्द ही मानसून बैठक बुलाने पर भी विचार किया गया...कई अन्य जनहितैषी फैसलों को भी मंजूरी दी गई...

जानिए SYL विवाद के बारे में

रावी और ब्यास नदियों की पानी के सही आवंटन के लिए SYL नहर की परिकल्पना की गई थी। इस परियोजना के तहत 214 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जानी थी, जिसमें से पंजाब में 122 किमी और हरियाणा 92 किमी का हिस्सा रहता। तेजी दिखाते हुए हरियाणा ने अपने हिस्से का काम समय रहते पूरा कर लिया है, लेकिन पंजाब ने देरी दिखाई और 1982 में निर्माण कार्य शुरू किया था, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया।

SC जज संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सेंट्रल गवर्नमेंट से नहर के निर्माण को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ते विवाद को सुलझाने के लिए सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने को भी कहा। वही अब एक दिन पहले यानी बुधवार को SC ने BJP नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से कहा कि वह पंजाब में जमीन के उस हिस्से का सर्वेक्षण करें जो राज्य में SYL नहर के हिस्से के निर्माण के लिए आवंटित किया गया था और वहां किए गए निर्माण की सीमा के बारे में आंकलन करें।

SC के इस फैसले के बाद पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने बुधवार को कहा कि राज्य के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है। इससे कई राज्यों में पानी की किल्लत हो जाएगी। किसानों को खेती करने में परेशानी होगी। हरियाणा और पंजाब के बीच इसे लेकर विवाद है। इस नहर का पानी राजधानी दिल्ली में भी आना है, जहां पर आप पार्टी की अरविंद केजरीवाल की सरकार है। अब इस मुद्दे का हल कैसे निकलता है ये देखने वाली बात होगी।