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Big Reform In Indian Rail: रेलवे के आठों कैडर खत्म, अब बस होगी एक इंडियन रेल मैनजमेंट सर्विस

मोदी सरकार लगातार देश की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़े बदलाव ला रही है। अलग से रेलवे बजट समाप्त करने के बाद अब मोदी सरकार ने 114 साल पुरानी भारतीय रेलवे की पूरी Administrative Service का ही कायाकल्प कर दिया है। अब रेलवे में आठ कैडरों के बजाए सिर्फ एक ही कैडर होगा।

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Indian Railway : ट्रेन में छूटे या खोए सामान का क्‍या करता है रेलवे? पाने का नियम जानें

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आखिर रेलवे ने लंबे इतंजार के बाद बड़े सुधारों को लागू कर ही दिया है। रेलवे में ताजा रिफॉर्म के साथ अपब
भारतीय रेलवे का 114 साल पुराना प्रशासनिक ढांचा बदल गया है। आठ कैडरों का विलय कर एक सेवा भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस (आईआरएमएस) बना दी गई। यानी रेल अधिकारी मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी कहे जाएंगे। दावा है कि कैडरों के बीच सात दशकों से चली आ रही लॉबिंग को एक झटके में समाप्त कर दिया गया है। रेलवे अब आधुनिकता की पटरी पर सरपट दौड़ेगी।

आठ कैडरों के विलय पर लगी मुहर


प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोदी कैबिनेट ने आठ कैडरों के विलय पर पहले ही मुहर लगा दी थी। शुक्रवार को जारी अधिसूचना के साथ आईआरएमएस कानूनी मान्यता मिल गई। इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल्स, लेखा, भंडारण, कार्मिक, यातायात, सिंगनल एवं टेलीकॉम कैडर समाप्त हो गए हैं। अब वह मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी होंगे।

भारती में इंटेलिजेंस कोशेंट (आईक्यू) के स्थान पर अब देखा जाएगा आईक्यू

बदलावों में खास बात है कि लेवल-17 यानी रेलवे बोर्ड अध्यक्ष व सदस्यों सहित लेवल-16 यानी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों व उनके समक्ष अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रया में इंटेलिजेंस कोशेंट (आईक्यू) के स्थान पर इमोशनल कोशेंट(ईक्यू) फॉर्मूला चलेगा। आईक्यू में कई अलग मानकीकृत परीक्षणों से प्राप्त गणना के तहत अधिकारी की बुद्धि का आकलन किया जाता है। जबकि ईक्यू में तार्किकता के साथ अधिकारी के नेतृत्व क्षमता का आकलन किया जाता है।

पदोन्नति के लिए गिनानी होंगे पांच उपलब्धियां बतानी

ईक्यू अधिकांश विकसित देशों की शीर्ष सार्वजनिक क्षेत्र में प्रचलन में है। इसको केंद्र सरकार ने पहली बार भारतीय रेल में अपनाया है। आईआरएमएस में अधिकारी के प्रमोशन में वरिष्ठता के स्थान पर ईक्यू स्तर काम करेगा। इससे रेलवे में शीर्ष पदों पर लॉबिंग की परंपरा हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। रेलवे बोर्ड व महाप्रबंधक पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार में अधिकारी से अपने कामकाज की पांच उपलब्धियां बतानी होंगी। साथ ही उसे भविष्य का रोडमैप पेश करना होगा।

नई व्यवस्था में क्या है खास?

इस तरह से नई व्यवस्था में एक रेलवे बोर्ड अध्यक्ष (सीआरबी) एवं सीईओ होगा। इसके साथ चार सदस्य रेलवे बोर्ड सदस्य (अवसंरचना), सदस्य (परिचालन व व्यवसाय विकास), सदस्य (कर्षण एवं चल स्टॉक), सदस्य (वित्त) सहित दो महानिदेशक पहला महानिदेशक (मानव संसधान), महानिदेशक (संरक्षा) होंगे। जबकि भारतीय रेल में मेट्रो रेल सहित 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधक, रेल कोच फैक्ट्री, इंजन कारखाना, पहिया कारखाना सहित कुल 29 महाप्रबंधक होंगे। बता दें, रेलवे के इन बदलावों को बेहद अहम माना जा लहा है।