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Bihar Assembly Elections: खोई जमीन वापस पाने की कवायद में राजद-कांग्रेस, क्या कहती है सीमांचल की पॉलिटिक्स

Bihar Assembly Elections: सीमांचल में एम फैक्टर काफी मायने रखता है। बिहार में कांग्रेस के लिए सीमांचल फिलहाल उपजाऊ भूमि जैसी है। लिहाजा, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व इंडिया गठबंधन सीमांचल की अधिकांश सीटों पर पताका लहराने को लेकर पूरे जोरशोर लगी हुई है।

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Rahul Gandhi

सीमांचल में राहुल गांधी (Photo-IANS)

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां लगातार जोर आजमाइश कर रही हैं। कांग्रेस नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के तहत भाजपा (BJP) और चुनाव आयोग (Election Commission) पर हमलावर हैं। आज उनकी यात्रा सीमांचल के इलाके में है। सीमांचल की चार लोकसभा सीटों (अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार) में से तीन इंडिया ब्लॉक के पास हैं।

कटिहार से कांग्रेस के तारिक अनवर सांसद हैं, किशनगंज से कांग्रेस के डॉक्टर मोहम्मद जावेद और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव हैं। पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी 'जन अधिकार पार्टी' का विलय कांग्रेस में करा लिया था, लेकिन कांग्रेस की टिकट पाने में असफल रहने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। इसके साथ ही, कदवा से बिहार विधानमंडल में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान भी आते हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए फिलहाल सीमांचल उपजाऊ भूमि के जैसी है। लिहाजा, कांग्रेस सीमांचल की सीटों पर पूरा फोकस बनाए हुए है।

सीमांचल की 8 विधासभा क्षेत्रों से गुजरेगी राहुल की यात्रा

आज राहुल की वोटर अधिकार यात्रा सीमांचल के 8 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। राहुल वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कटिहार के 4 पूर्णिया व अररिया के दो-दो विधानसभा में जाएंगे। बिहार कांग्रेस नेताओं के मुताबिक बरारी, कोढा, कटिहार और कदवा होते हुए राहुल गांधी पुर्णिया सदर विधानसभा क्षेत्र के खखरैली पहुंचेंगे। जहां वह रात्रि विश्राम करेंगे। वह कल यानी 24 अगस्त की सुबह पूर्णिया शहर के बेलौरी, खुश्कीबाग, पंचमुखी मंदिर, रामबाग होते हुए कसबा विधानसभा क्षेत्र पहुंचेंगे। इसके बाद वह अररिया होते हुए नरपतगंज जाएंगे। इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी किशनगंज होते हुए पूर्णिया पहुंचे थे।

24 सीटों पर पूरा फोकस, M फैक्टर रखता है मायने

बिहार के सीमांचल इलाके में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले आते हैं। जिनमें कुल 24 विधानसभा सीट है। 12 से अधिक सीटों पर मुस्लिम आबादी की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है, जबकि अन्य 12 सीटों पर वह निर्णायक भूमिका अदा करती है। साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार, भाजपा को आठ सीटों पर सफलता मिली थी। जबकि कांग्रेस को पांच, जदयू को चार, भाकपा माले को एक तथा राजद को एक सीट मिली थी। सबसे अप्रत्याशित जीत AIMIM को मिली थी।

ओवैसी की AIMIM ने सीमांचल की 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और पांच सीटों पर पार्टी को जीत मिली, लेकिन कुछ समय बाद पार्टी के 4 विधायक, मो. इजहार असफी (कोचाधामन), शाहनवाज आलम (जोकीहाट), सयैद रुकनुद्दीन (बायसी) और अजहर नईम (बहादुरगंज) टूटकर राजद में जा मिले। यह AIMIM के लिए बड़ा झटका था। ओवैसी और अखतरुल ईमान की भी चाहत है कि इस बार वह महागठबंधन में शामिल हो जाएं, लेकिन उन्हें अब तक मायूसी ही हाथ लगी है। राजद और कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन की चाहत है कि इस बार सीमांचल इलाके में अपनी पैठ होने का फायदा उठाया जाए और 24 में से अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज की जाए।