
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार (फोटो- एक्स वीडियो स्क्रीनशॉट)
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में 17 ऐसे सुधार पहली बार लागू किए जा रहे हैं, जो आगे जाकर पूरे देश में अपनाए जाएंगे। इनमें कुछ मतदान प्रक्रिया से और कुछ मतगणना से जुड़े हैं । मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पटना में दो दिवसीय दौरे के समापन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 243 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक ईआरओ है। 243 ईआरओ और 90,207 बीएलओ के साथ मिलकर लगभग 22 वर्षों के बाद मतदाता सूची को शुद्ध करने का कार्य पूरा किया गया।
इसके अनुसार, अब देश के किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। इसके साथ ही हर मतदान केंद्र पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की जाएगी। मतदान प्रतिशत, वोटिंग ट्रेंड और अन्य आंकड़े सटीकता और तेजी से आएंगे। अब ईवीएम पर चिपके बैलेट पेपर में उम्मीदवारों की रंगीन फोटो होगी। उम्मीदवारों के नाम मोटे-बड़े अक्षरों में छपेंगे।
इसके अलावा अब से पोस्टल बैलेट की गिनती, ईवीएम की अंतिम गिनती से 2 राउंड पहले पूरी की जाएगी। साथ ही बीएलओ, बीएलओ पर्यवेक्षकों, मतदान/मतगणना कर्मचारियों, सीएपीएफ, निगरानी दलों और माइक्रो-ऑब्जर्वरों का पारिश्रमिक दोगुना कर दिया गया है। पहली बार ईआरओ और एईआरओ के लिए मानदेय की व्यवस्था और जलपान की व्यवस्था भी बढ़ाई गई है।
चुनावों में मोबाइल फोन जमा कराने के लिए मतदान केन्द्रों के ठीक बाहर काउंटर स्थापित किए जाएंगे। सभी बीएलओ को अब आधुनिक स्मार्ट आईडी कार्ड दिए गए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त के अनुसार, इन सभी सुधारों का उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव सुनिश्चित करना है। इन बदलावों के साथ बिहार न केवल चुनाव सुधारों की प्रयोगशाला बनेगा, बल्कि आने वाले समय में पूरे देश में इन सुधारों को लागू करने की दिशा भी तय करेगा।
Published on:
06 Oct 2025 09:21 am
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