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एआई जनरेटेड जानकारी से भ्रामक प्रचार न करे पार्टियां, चुनाव आयोग ने दी चेतावनी

बिहार चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने प्रेस नोट जारी करते हुए राजनीतिक पार्टियों को प्रचार के दौरान एआई जनरेटेड कंटेंट इस्तेमाल न करने की सख्त चेतावनी दी है। इस तरह की किसी फोटो वीडियो का इस्तेमाल करने पर उसके साथ टैग लगाना अनिवार्य होगा।

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भारत

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Himadri Joshi

Oct 09, 2025

Election Commission

चुनाव आयोग। (फोटो- आईएएनएस)

बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही 6 अक्टूबर से चुनावी प्रदेशों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसी के तहत चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण प्रेस नोट जारी कर राजनीतिक दलों को प्रचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित गलत और भ्रामक वीडियो का इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी है।

सोशल मीडिया पर भी लागू होंगे आचार संहिता के नियम

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आदर्श आचार संहिता के नियम सिर्फ जमीनी प्रचार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि सोशल मीडिया और इंटरनेट पर साझा की जा रही सामग्री पर भी पूरी तरह लागू होते हैं। आयोग ने कहा कि किसी भी पार्टी या उम्मीदवार की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पूर्व रिकॉर्ड और कार्यों तक सीमित रहनी चाहिए। निजी जीवन पर टिप्पणी करना पूरी तरह निषिद्ध है।

बिना पुष्टि के आरोप लगाने पर सख्ती से रोक

इसके अलावा, किसी भी राजनीतिक दल या उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना पुष्टि के आरोप या जानकारी को तोड़-मरोड़ कर पेश करना गलत है और इसे सख्ती से रोका जाएगा। चुनाव आयोग ने गहरी चिंता जताई है कि कुछ लोग एआई टूल्स की मदद से 'डीप फेक' वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैला रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल को दूषित किया जा सकता है।

एआई कंटेंट के साथ टैग लगाना अनिवार्य

ऐसे मामलों से निपटने के लिए आयोग ने सभी दलों, उनके नेताओं, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अगर वे कोई एआई-जनरेटेड या डिजिटल रूप से बदला गया कंटेंट पोस्ट करें तो उस पर साफ-साफ टैग लगाना अनिवार्य होगा। टैग में 'एआई-जेनरेटेड', 'डिजिटली एनहांस्ड' या 'सिंथेटिक कंटेंट' जैसे शब्द स्पष्ट रूप से लिखे जाने चाहिए ताकि जनता को कोई भ्रम न हो।

सोशल मीडिया की गतिविधि पर पैनी नजर

आयोग ने कहा है कि सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। आयोग ने साफ कर दिया है कि एमसीसी और इससे संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है।