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‘Waqf law को कूड़ेदान में फेंक दूंगा’… मुस्लिमों ने किया तेजस्वी के बयान का विरोध, इसे बताया अधिकारों पर हमला

बिहार चुनावों से पहले राजद नेता तेजस्वी यादव के वक्फ (संशोधन) अधिनियम को रद्द करने के वादे पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने कड़ा विरोध जताया है, इसे गरीब मुसलमानों के अधिकारों पर हमला बताया है।

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भारत

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Himadri Joshi

Oct 28, 2025

MRM women's wing head Dr. Shalini Ali

MRM महिला विंग की प्रमुख, डॉ. शालिनी अली (फोटो- आईएएनएस)

बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच, राजद (RJD) नेता तेजस्वी यादव का एक चुनावी वादा विवादों में आ गया है। तेजस्वी ने 26 अक्टूबर को बिहार के सीमांचल क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम को "कूड़ेदान में फेंक देंगे।" तेजस्वी ने यह बयान मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए दिया था, लेकिन अब मुस्लिम समुदाय का एक हिस्सा ही उनके विरोध में आ गया है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने किया तेजस्वी के बयान का विरोध

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने तेजस्वी यादव के इस बयान की कड़ी आलोचना की है। MRM ने इसे गरीब मुसलमानों, विधवाओं और अनाथों के अधिकारों पर सीधा हमला बताया है। MRM महिला विंग की प्रमुख और राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शालिनी अली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, तेजस्वी की टिप्पणियां मुस्लिम समुदाय के साथ विश्वासघात हैं। उन्होंने राजद नेता पर वोट-बैंक की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। डॉ. अली ने कहा, यह बयान विधवाओं, अनाथों और बेसहारा लोगों के ख़िलाफ़ खुला धोखा है। वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकना गरीब मुसलमानों के अधिकारों पर हमला करने जैसा है।

26 अक्टूबर को तेजस्वी ने दिया था बयान

बता दें कि, तेजस्वी ने 26 अक्टूबर को बिहार के सीमांचल क्षेत्र में एक रैली के दौरान यह टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी ने एक तीव्र राजनीतिक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है, खासकर MRM की तरफ से। एमआरएम ने उन पर वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किए गए सुधारों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। डॉ. अली ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम, 2024 (Waqf Amendment Act, 2024) वक्फ रिकॉर्ड को आधुनिक बनाने और डिजिटाइज करने, थर्ड-पार्टी ऑडिट शुरू करने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि राजस्व (कमाई) का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और विधवाओं, अनाथों और पसमांदा समुदाय के लिए कल्याणकारी योजनाओं में किया जाए।

वक्फ एक पवित्र धरोहर है, वोट बैंक नहीं

डॉ. अली ने आगे कहा, वक्फ एक पवित्र धरोहर है, वोट बैंक नहीं। यह अधिनियम भ्रष्टाचार को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि वक्फ की आय ज़रूरतमंदों तक पहुंचे। उन्होंने कहा, जो नेता इस कानून का विरोध कर रहे हैं, वे एक आत्मनिर्भर और सशक्त मुस्लिम समाज से डरते हैं। MRM ने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी का रुख एक ऐसी राजनीतिक मानसिकता को दर्शाता है जो वक्फ की संपत्तियों को केवल चुनावी फायदे के लिए एक उपकरण के रूप में देखती है। संगठन ने कहा कि वे संशोधित कानून के प्रावधानों के बारे में समुदाय को सूचित करने के लिए एक जागरूकता अभियान शुरू करेंगे। हम किसी को भी वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग राजनीति के लिए नहीं करने देंगे। समुदाय विकास चाहता है, शोषण नहीं।