नवादा जिला के गोविंदपुर थाने के विष्णुपुर गांव के रहने वाले 84 वर्षीय रामजी तिवारी को इलाज के लिए 21 जुलाई को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। 24 जुलाई की रात उनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। बुजुर्ग के मृत्यु होने के वक्त में उनके परिजन अस्पताल में मौजूद नहीं थे। परिजनों जब सूचना दी गई तो उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों से आग्रह किया कि वो शव को सुबह ले जाएंगे।
अस्पताल के कर्मजारियों ने बॉडी को इमरजेंसी के अंदर बनी सीढ़ी के नीचे रख दिया। जब परिजन शव लेकने पहुंचे तो बुजुर्ग के चेहरे के कुछ हिस्सों को चूहे कुतर कर खा गए थे। इसकी शिकायत जब कर्मचारियों से की गई तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। शव को देखने के बाद अस्पताल में परिजनों ने हंगामा शुरु कर दिया।
वहीं इस मामल को लेकर मगध मेडिकल अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ एनके पासवान ने कहा कि लापरवाही को देखते हुए इमरजेंसी विभाग के वार्डों के कर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त हिदायत दिया गया है कि किसी भी शव को मोर्चरी में ही रखना। किसी भी हालत में दूसरी जगह पर शव न रखा जाए। अगर इस तरह के मामले दुबारा सामने आते हैं तो जांच कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।