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लालू परिवार में तेज हुई जंग: तेजस्वी यादव ने नेता प्रतिपक्ष का पद ठुकराया

सूत्रों के अनुसार, 36 वर्षीय तेजस्वी ने एक बैठक में कहा कि वह अब एक विधायक के रूप में काम करना चाहते हैं और उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने से इनकार कर दिया।

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पटना से दिल्ली रवाना हुए तेजस्वी यादव

पटना से दिल्ली रवाना हुए तेजस्वी यादव (Photo-IANS)

बिहार चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की हार की जिम्मेदारी लेते हुए तेजस्वी यादव ने विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने से इनकार कर दिया था, लेकिन अपने पिता और राजद संस्थापक लालू प्रसाद यादव के आग्रह पर वह यह पद संभालने के लिए तैयार हो गए। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बिहार में मुख्य विपक्षी दल, जो 2020 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी थी, इस बार केवल 25 सीटें जीत पाई-जो उसके 2020 के मुकाबले 50 कम है।

तेजस्वी ने ली आरजेडी की हार की जिम्मेदारी

सूत्रों के अनुसार, 36 वर्षीय तेजस्वी ने सोमवार को एक समीक्षा बैठक में कहा कि वह अब एक विधायक के रूप में काम करना चाहते हैं और उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इस चुनाव में राजद की हार की जिम्मेदारी ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी के विपक्ष के नेता की भूमिका छोड़ने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया और लालू यादव ने जोर देकर कहा कि उन्हें सदन में पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए।

बहुत कोशिश की लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए

तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनके पिता, लालू यादव, जो एक अनुभवी राजनेता और पूर्व मुख्यमंत्री हैं, ने आरजेडी की स्थापना की थी। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि वे उनके आदेश पर पार्टी के मामलों को संभाल रहे हैं। उन्होंने इस चुनाव में बहुत कोशिश की, लेकिन असफल रहे। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने युवा नेता का समर्थन किया और कहा कि वे उनके साथ हैं।

तेजस्वी यादव ने संजय यादव का बचाव किया

सूत्रों ने बताया कि तेजस्वी यादव ने बैठक में अपने सहयोगी और राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव का बचाव किया। आरजेडी परिवार में चल रहे इस विवाद के बीच संजय यादव का नाम सामने आया है और तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने उन पर परिवार से बाहर निकालने का आरोप लगाया है। बैठक में तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी के खराब प्रदर्शन के लिए संजय यादव को निशाना बनाना गलत है और इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं।

संजय यादव सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से हैं

आपको बता दें कि संजय यादव तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से हैं और उन्होंने आरजेडी की चुनावी तैयारियों में अहम भूमिका निभाई है, जिसमें चुनाव प्रचार की रणनीति बनाना और पार्टी उम्मीदवारों के नाम तय करना शामिल था। संजय यादव का प्रभाव इतना ज़्यादा है कि तेजस्वी यादव से मिलने की चाहत रखने वाले किसी भी व्यक्ति को उनसे होकर गुजरना पड़ता है।