
कटनी में सुजीत ने पेड़ों को कटते देखा तो 125 हेक्टेयर वन विभाग की बंजर जमीन पर बिखेर दी हरियाली। Patrika
जहां सभी उम्मीदें छोड़ देते हैं, यदि वहां कोई उम्मीदें बोए…सींचे तो चमत्कार होता है। ऐसा ही जीवंत चमत्कार एमपी के कटनी वन परिक्षेत्र की कन्हवारा बीट में हुआ। वन रक्षक सुजीत यादव की जुनून भरी पहल ने बंजर और पथरीली जमीन को हरियाली की चादर में लपेट दिया। बिहार निवासी 34 वर्षीय सुजीत ने 2019-20 में पौधरोपण शुरू किया। 125 हेक्टेयर जमीन पर 62,500 हजार पौधे लगाए। 5 साल तक देखभाल की। मेहनत रंग लाई और 5 साल में ही यहां 83 हजार पौधों का जंगल खड़ा हो गया। इन पर पक्षी चहचहा रहे हैं। क्षेत्र में अब तापमान में गिरावट हुई है। बारिश के भी सुधार हुआ है।
आंवला, सिरस, चिरहुल, अमरूद, बांस, नीम, शीशम, बेल, सागौन जैसी जल, छाया और पर्यावरण संरक्षण में सहायक दर्जनों प्रजातियों के पौधे।
वनरक्षक सुजीत यादव कहते हैं 2016 में जब मेरी पोस्टिंग हुई तो देखा जंगल सिसक रहे हैं। पेड़ कट रहे हैं। मौसम बिगड़ रहा है। यह पीड़ा कोराना काल में और बढ़ गई। लोग ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहे थे। तब सोचा, एक पौधा नहीं, पूरा जंगल बनाऊंगा। कन्हवारा बीट की बंजर पड़ी जमीन को चुना। 1 हेक्टेयर में 1000 पौधे लगाए। इस तरह 125 हेक्टेयर में 62,500 हजार पौधे लगाए। पांच साल तक सुबह-शाम लगातार मेहनत की। अब ये छोटे जंगल नहीं, बल्कि घने वन का स्वरूप ले चुके हैं। सुजीत कहते हैं, पौधे लगाना आसान है, पर उन्हें बड़ा करना तपस्या है। जंगल की निगरानी, पानी की व्यवस्था, सुरक्षा, गश्त, झुलसाती गर्मी और जंगली जानवरों के बीच दिन-रात मेहनत से पौधों की परवरिश की।
दुनिया पर्यावरण संरक्षण की बातें कर रही है। कटनी का एक वनरक्षक ने पौधरोपण कर मिसाल बना दी। यह प्रयास केवल पौधरोपण नहीं है, ये आने वाली पीढिय़ों को शुद्ध हवा, जल और जीवन का उपहार है। सुजीत ने कहा, पत्रिका का हरित प्रदेश अभियान लोगों को जोड़ रहा है। इसके परिणाम जिलों में सामने आ रहे हैं। जागृति पार्क इसका जीता जागता उदाहरण है।
Updated on:
23 Jul 2025 10:04 am
Published on:
22 Jul 2025 10:55 am
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