
Government Announcement: बिहार और नेपाल में हो रही मानसून की बारिश के बाद प्रदेश की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सरकार बाढ़ संभावित इलाकों को लेकर पूरी तरह तैयार है। जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। कई नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं। कमला बलान नदी जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बागमती ढेंग और सीतामढ़ी के सोनखान में खतरे के निशान से ऊपर है। इसके अलावा महानंदा ढेंगरा घाट के पास लाल निशान को पार कर गई है। नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि के बाद कई इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। संबंधित जिला प्रशासन द्वारा एहतियातन बाढ़ से राहत और बचाव के लिए तैयारी कर ली गई है।
बता दें कि बिहार के विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से नौ लोगों की मौत हो गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये अविलंब अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से जहानाबाद में तीन और मधेपुरा में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पूर्वी चंपारण, रोहतास, सारण तथा सुपौल में एक -एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन घटनाओं पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शनिवार को ही चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें।
Published on:
06 Jul 2024 03:14 pm
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