
केरल में मस्तिष्क खाने वाले अमीबा के कारण महिला की मौत (प्रतिकात्मक तस्वीर)
केरल में इन दिनों ब्रेन-ईटिंग अमीबा नामक एक घातक बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी के चलते एक महीने के अंदर अंदर राज्य में पांच लोगों की मौत हो चुकि है। मलप्पुरम जिले की एक 56 वर्षीय महिला की प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नामक इस बीमारी के चलते हाल ही में मौत हुई है जो इस बीमारी से एक महीने में होने वाली मौत का पांचवा मामला है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को, वंडूर, मलप्पुरम की रहने वाली एम. शोभना की मृत्यु की पुष्टि की है। शोभना को गुरुवार को कोझीकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था।
इस दौरान शोभना इस खतरनाक संक्रमण से जुड़े लक्षणों से पीड़ित थीं। यह बीमारी एक दुर्लभ और अक्सर जानलेवा मस्तिष्क संक्रमण है, जो गहन चिकित्सा के बावजूद तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बहुत बढ़ गई है। इसी बीमारी के चलते पिछले हफ्ते एक 45 साल के व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। रथेश नामक यह व्यक्ति वायनाड का रहने वाला था। वह इस खतरनाक संक्रमण से पीड़ित था और एक हफ्ते तक उसका अस्पताल में इलाज चला था जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, एक महीने में इस बीमारी से पांच लोगों की जान चली गई है। मरने वालों में हाल ही कोझीकोड जिले के थमारसेरी की रहने वाली एक तीन महीने की बच्ची और एक नौ साल की लड़की भी शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के कोझिकोड, मलप्पुरम, और वायनाड जिले इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यहां इस साल इस बीमरी के कुल मिलाकर 42 पुष्ट मामले दर्ज किए गए हैं।
बढ़ते संक्रमणों की संख्या को देखते हुए, केरल स्वास्थ्य विभाग ने निवारक उपायों को तेज करने के लिए राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम लागू किया है। इसी के साथ सरकारी विभाग ने पूरे राज्य में पानी को साफ करने का एक अभियान शुरू किया है। उन्होंने सभी स्थानीय निकायों से कुओं, पानी की टंकियों और दूसरे सार्वजनिक जल स्रोतों को साफ करने के आदेश भी दिए है। सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में, विभाग ने बिना साफ किए या रुके हुए पानी के स्रोतों में तैरने पर भी रोक लगा दी है।
अमीबिक एन्सेफलाइटिस एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण है जो दिमाग पर असर डालता है। यह संक्रमण नेगलेरिया फाउलेरी नामक अमीबा से होता है, जिसे आमतौर पर दिमाग खाने वाला अमीबा भी कहा जाता है। यह अमीबा ज़्यादातर ताज़े पानी की झीलों और नदियों में पाया जाता है और नाक के जरिए शरीर में घुस सकता है, जहां से यह दिमाग में चला जाता है और संक्रमण फैला देता है। इस बीमारी का जल्दी निदान ही इसका समाधान है। यदि किसी व्यक्ति को ताजे पानी के संपर्क में आने के बाद बुखार, तेज सिर दर्द या उल्टी जैसा महसूस हो तो यह इस बीमारी का संकेत हो सकता है।
Published on:
08 Sept 2025 03:25 pm
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