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कैबिनेट से पास हुआ डेटा प्रोटेक्शन बिल, संसद के मानसून सत्र में होगा पेश, जानिए खास बातें

Data Protection Bill: मोदी कैबिनेट ने डेटा प्रोटेक्शन बिल को पास कर दिया है। इसे संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। इस बिल के कानून बनने के बाद डेटा की सुरक्षा और उसके मिसयूज पर चली आ रही लंबी बहस समाप्त होगी।  

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कैबिनेट से पास हुआ डेटा प्रोटेक्शन बिल, संसद के मानसून सत्र में होगा पेश

कैबिनेट से पास हुआ डेटा प्रोटेक्शन बिल, संसद के मानसून सत्र में होगा पेश

Data Protection Bill: डिजिटल क्रांति के मौजूदा युग में डेटा की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। अलग-अलग तरीकों से जमा डेटा की लाखों-करोड़ों में बिक्री होती है। लोगों की राय और सहमति जाने बिना उसका मिसयूज भी होता है। ऐसे में देश में लंबे समय से डेटा प्रोटेक्शन को लेकर कानून बनाए जाने की मांग की जा रही थी। अब यह मांग कानून बनने के रास्ते पर है। बुधवार को मोदी कैबिनेट ने डेटा प्रोटेक्शन बिल को पास कर दिया है। अब इसे संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। जहां संसद सदस्यों के बीच चर्चा के बाद इसे कानून के शक्ल में ढाला जाएगा। फिर इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। फिर पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा।



व्यक्तिगत तौर पर सहमति के बाद भी होगा डेटा का प्रोसेस

बताया गया कि इस बिल के तहत व्यक्तिगत डेटा तभी प्रोसेस हो सकेगा, जब व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए सहमति दी गई हो। डेटा जमा करने वालों को उसकी सुरक्षा करनी होगी और उपयोग के बाद उसे डिलीट करना होगा। हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था के आधार पर सरकारी एजेंसियों को छूट मिल सकती है। कानून के प्रावधानों पर नज़र रखने के लिए डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड बनाने का भी प्रावधान है।



डेटा प्रोटेक्शन बिल की बड़ी बातें

- यह बिल भारत के भीतर डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रोसेस पर लागू होगा। यह भारत के बाहर ऐसे प्रसंस्करण पर भी लागू होगा, यदि यह भारत में वस्तुओं या सेवाओं की पेशकश या व्यक्तियों की प्रोफाइलिंग के लिए है।

- व्यक्तिगत डेटा को केवल वैध उद्देश्य के लिए प्रोसेस किया जा सकता है जिसके लिए किसी व्यक्ति ने सहमति दी है। कुछ मामलों में सहमति मानी जा सकती है।

- डेटा की सटीकता बनाए रखने, डेटा को सुरक्षित रखने और अपना उद्देश्य पूरा होने के बाद डेटा को हटाना अनिवार्य होगा।

- विधेयक व्यक्तियों को कुछ अधिकार प्रदान करता है जिसमें जानकारी प्राप्त करने, सुधार और मिटाने का अधिकार और शिकायत निवारण का अधिकार शामिल है।

- केंद्र सरकार राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और अपराधों की रोकथाम जैसे निर्दिष्ट आधारों पर सरकारी एजेंसियों को विधेयक के प्रावधानों को लागू करने से छूट दे सकती है।

- केंद्र सरकार विधेयक के प्रावधानों का अनुपालन न करने पर निर्णय लेने के लिए भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना करेगी।

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