
Shadow PM Rahul Gandhi: 18 वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज हो चुका है। 10 साल बाद राहुल गांधी के रुप में सदन को नेता विपक्ष मिला गया है। इससे कांग्रेस खेमा उत्साह से लबरेज नजर आ रहा है। इसी बीच चर्चाएं हैं कि राहुल गांधी शैडो पीएम की भूमिका निभाते हुए शैडो कैबिनेट बना सकते हैं, आज से दशकों पहले राजीव गांधी ने भी शैडो कैबिनेट बनाने की कोशिश की थी। अगर राहुल गांधी ऐसा करने में सफल होते हैं तो मोदी सरकार की चिंता बढ़ सकती हैं, क्योंकि विपक्ष के पास घेरने के लिए और मजबूत हथियार होंगे।
विपक्ष के नेता एक शैडो कैबिनेट भी बनाते हैं, इसलिए उनकी भूमिका सरकार की आलोचना करने और उसे चुनौती देने से कहीं आगे बढ़कर मौजूदा सरकार के गिरने की स्थिति में वैकल्पिक प्रशासन बनाने की जिम्मेदारी संभालने तक होती है। विपक्ष के नेता का पद 1970 से 1977, 1980 से 1989 और हाल ही में 2014 से 2024 तक रिक्त रहा।
शैडो कैबिनेट वरिष्ठ विपक्षी नेताओं का एक समूह है, जिन्हें सत्तारूढ़ मंत्रिमंडल के पदों को प्रतिबिंबित करने के लिए नियुक्त किया जाता है। छाया मंत्रिमंडल की अवधारणा भारत में उतनी प्रचलित नहीं है, जितनी अन्य देशों में है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां विपक्षी दलों ने शैडो कैबिनेट की स्थापना की है, लेकिन इसे संस्थागत रूप नहीं दिया गया है।
भारत में शैडो कैबिनेट वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के एक समूह को संदर्भित करता है, जिन्हें सत्तारूढ़ मंत्रिमंडल के पदों को प्रतिबिंबित करने के लिए नियुक्त किया जाता है। शैडो कैबिनेट की अवधारणा भारत में उतनी प्रचलित नहीं है जितनी कि अन्य देशों में है, लेकिन ऐसे उदाहरण हैं जहाँ विपक्षी दलों ने छाया मंत्रिमंडल की स्थापना की है। शैडो कैबिनेट के विचार पर 1960 और 1970 के दशक में चर्चा हुई थी, लेकिन इसे ज्यादा समर्थन नहीं मिला। 1990 में राजीव गांधी द्वारा शैडो कैबिनेट गठित करने की बात कही गई थी, लेकिन इसके बारे में विरोधाभासी विवरण हैं। शैडो कैबिनेट की अवधारणा का उपयोग आमतौर पर यूनाइटेड किंगडम जैसे पश्चिमी लोकतंत्रों में किया जाता है। भारत में, शैडो कैबिनेट के साथ कुछ प्रयोग हुए हैं, लेकिन वे केवल राज्य स्तर पर ही हुए हैं, जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गोवा और केरल।
राहुल गांधी मुख्य चुनाव आयुक्त और सीबीआई तथा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों जैसे प्रमुख अधिकारियों के चयन के लिए जिम्मेदार तीन सदस्यीय पैनल का हिस्सा होंगे।
गांधी परिवार में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने वाले राहुल गांधी तीसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले उनके माता-पिता दोनों ही इस पद पर रह चुके हैं। राजीव गांधी 1989 से 1990 तक विपक्ष के नेता रहे और सोनिया गांधी 1999 से 2004 तक इस पद पर रहीं।
Published on:
01 Jul 2024 11:00 am
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