
Supreme Court Of India
Supreme Court on Bank KYC: सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में एसिड अटैक सरवाइवर्स (Acid Attack Survivors) और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए डिजिटल KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया को सरल और समावेशी बनाने का आदेश दिया है। डिजिटल (Digital) पहुंच को मौलिक अधिकार घोषित करते हुए कोर्ट ने 20 दिशानिर्देश जारी किए, ताकि बैंकिंग (Banking) और अन्य आवश्यक सेवाएं समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से दिव्यांग और हाशिए पर रहने वाले समुदायों, के लिए सुलभ हों। यह फैसला न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा, बल्कि गरिमामय जीवन और समानता के अधिकार को भी मजबूत करेगा।
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वर्तमान डिजिटल KYC प्रक्रिया में "लाइव फोटोग्राफ" के लिए आंखों को झपकाने की अनिवार्यता होती है, जो एसिड अटैक सरवाइवर्स और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए असंभव है। उदाहरण के तौर पर, एक याचिकाकर्ता, जो एसिड अटैक सर्वाइवर हैं, ने बताया कि 2023 में ICICI बैंक में खाता खोलने के लिए डिजिटल KYC प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाईं, क्योंकि वह आंखें नहीं झपका सकती थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "आधुनिक युग में, जहां आर्थिक अवसर डिजिटल पहुंच पर निर्भर हैं, अनुच्छेद 21 को तकनीकी प्रगति और डिजिटल विभाजन के संदर्भ में पुनर्व्याख्या करने की आवश्यकता है।" कोर्ट ने RBI, सेबी, TRAI और अन्य नियामक निकायों को निर्देश दिया कि वे अपने अधीनस्थ संस्थानों को इन दिशानिर्देशों को लागू करने का आदेश दें।
इस फैसले को सामाजिक कार्यकर्ताओं और अक्षमता अधिकार संगठनों ने स्वागत किया है। यह निर्णय न केवल एसिड अटैक सरवाइवर्स और दृष्टिबाधित व्यक्तियों, बल्कि सभी अक्षम व्यक्तियों के लिए डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देगा। कोर्ट ने सभी पक्षों से लिखित सुझाव मांगे हैं, जिसमें RBI के दिशानिर्देशों की कमियों और उन्हें सुधारने के उपाय शामिल हैं। विस्तृत फैसले की प्रति का इंतजार है।
Published on:
30 Apr 2025 01:49 pm
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