
माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी जारी की है कि चीन इस साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-से बने कंटेंट का उपयोग करके अमेरिका, दक्षिण कोरिया और भारत में चुनावों को बाधित करने का प्रयास करेगा। ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इसका परीक्षण कर चुका है। अमेरिकी टेक फर्म ने शुक्रवार को प्रकाशित अपनी थ्रेट इंटेलिजेंस टीम की एक रिपोर्ट में कहा कि उत्तर कोरिया की भागीदारी के साथ चीनी समर्थित साइबर समूह 2024 के हाई-प्रोफाइल चुनावों को टार्गेट करने सकते हैं।
क्या है चीन का प्लान
रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट को उम्मीद है कि चीन इन चुनावों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एआई-जनरेटेड कंटेंट बनाएगा और वितरित करेगा। हालांकि ऐसी सामग्री का प्रभाव कम रहता है, कंपनी ने आगाह किया कि एआई-निर्मित सामग्री के साथ चीन का प्रयोग भविष्य में प्रभावी साबित हो सकता है।
रिपोर्ट में जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के चीन के प्रयास का जिक्र किया गया है, जो किसी राज्य समर्थित इकाई द्वारा विदेशी चुनाव को प्रभावित करने के लिए एआई-जनित सामग्री का उपयोग करने का पहला उदाहरण है। स्टॉर्म 1376 के नाम से जाना जाने वाला बीजिंग समर्थित समूह ताइवानी चुनाव के दौरान सक्रिय था, कुछ उम्मीदवारों को बदनाम करने के लिए एआई-जनरेटेड मीम्स और नकली ऑडियो सामग्री का प्रसार कर रहा था।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी दखल
इसके अतिरिक्त, माइक्रोसॉफ्ट ने नोट किया कि चीनी समूह अमेरिका में प्रभाव अभियान चलाना जारी रखते हैं, विभाजनकारी सवाल उठाने और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रमुख मतदान जनसांख्यिकी पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करते हैं।
इस रिपोर्ट का प्रकाशन राज्य समर्थित चीनी साइबर ऑपरेटरों के कारण साइबर सुरक्षा उल्लंघनों के हालिया खुलासे से मेल खाता है। पिछले महीने, अमेरिका और ब्रिटेन की सरकारों ने चीन समर्थित हैकरों पर राजनेताओं, पत्रकारों और व्यवसायों को निशाना बनाते हुए एक लंबा साइबर अभियान चलाने का आरोप लगाया था।
माइक्रोसॉफ्ट की चेतावनी चुनावी हस्तक्षेप में एआई के उपयोग के बारे में बढ़ती चिंताओं और ऐसे खतरों के खिलाफ कड़ी सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
Updated on:
06 Apr 2024 04:12 pm
Published on:
06 Apr 2024 04:10 pm
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