
संबलपुर जिले के बामरा में तहसीलदार अश्विनी कुमार पांडा। फोटो- Instagram/Ashwini Panda
ओडिशा सिविल सर्विस परीक्षा के टॉपर अश्विनी कुमार पांडा को 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। ओडिशा सतर्कता विभाग ने शुक्रवार को उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अश्विनी कुमार पांडा संबलपुर जिले के बामरा में तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे।
विजिलेंस की ओर से कहा गया है कि अधिकारी ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से कृषि भूमि को घर बनाने वाली जमीन में बदलने के लिए रिश्वत ली थी।
अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि शिकायतकर्ता ने एक महीने पहले तहसीलदार कार्यालय में जमीन परिवर्तन के लिए आवेदन दिया था।
आरोप है कि पांडा ने शिकायतकर्ता का काम करने के लिए 20,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब शिकायतकर्ता ने कहा कि वह रिश्वत के रूप में इतना बड़ा रकम देने में सक्षम नहीं है तो पांडा ने तुरंत रिश्वत की राशि घटा दी।
उन्होंने शिकायतकर्ता से फिर 15,000 रुपये घूस देने को कहा। इसके साथ, उन्होंने शिकायतकर्ता को धमकी भी दे दी। पांडा ने शिकायतकर्ता से कहा कि पैसे नहीं देने पर म्यूटेशन मामले में परिवर्तन नहीं होने देंगे।
अधिकारी की धमकी के बाद शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिकारियों से संपर्क किया। मामला जानकर अधिकारियों ने शुक्रवार को पांडा के खिलाफ जाल बिछाया।
तहसीलदार को उनके कार्यालय से सतर्कता दल ने अपने ड्राइवर जरिए शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। सतर्कता विभाग के बयान में कहा गया है कि रिश्वत की पूरी रकम बरामद कर ली गई है।
सतर्कता विभाग ने पांडा को पकड़ने के बाद उनके कई ठिकानों की एकसाथ तलाशी ली। जहां से 4,73,000 रुपये की नकदी जब्त हुई। उनके ड्राइवर पी। प्रवीण कुमार को भी सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी।टेक करने वाले पांडा की उम्र 32 साल है। उन्होंने साल 2019 में ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था। बामरा में तहसीलदार रहने से पहले, पांडा ने मयूरभंज जिले में शामखुंटा तहसीलदार के रूप में काम किया।
Published on:
13 Sept 2025 09:03 am
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