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Cloud Burst landslide : उदयपुर में बादल फटा, अब तक पांच शव बरामद

Himachal landslide Cloud Burst : डीएनए जांच के लिए दोनों शवों के सैंपल लिए गए हैं। रिश्तेदारों के सैंपलों के साथ मिलान करवाने के बाद शवों की शिनाख्त हो पाएगी। अभी तक सतलुज नदी से पांच शव बरामद किए जा चुके हैं। किसी की भी शिनाख्त नहीं हुई है।

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हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले के उदयपुर-किलाड़ सड़क पर धांदल नाले में बादल फट गया। बादल फटने के बाद नाले में आई बाढ़ से धांदल बेली ब्रिज करीब 30 फीसदी तक क्षतिग्रस्त हुआ है, ऐसे में लाहौल-तिंदी सहित पांगी घाटी का आपस में संपर्क कट गया है। कुल्लू जिले के मलाणा गांव में फंसे नौ सैलानियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उधर, सतलुज नदी से दो और लोगों के शव बरामद हुए हैं। इनमें एक लड़की और दूसरा पुरुष है। लड़की की उम्र 14 से 17 साल के बीच बताई जा रही है। अभी तक दोनों शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ले पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव सुन्नी से आईजीएमसी शिमला भेज दिए हैं।

वहीं, डीएनए जांच के लिए दोनों शवों के सैंपल लिए गए हैं। रिश्तेदारों के सैंपलों के साथ मिलान करवाने के बाद शवों की शिनाख्त हो पाएगी। अभी तक सतलुज नदी से पांच शव बरामद किए जा चुके हैं। किसी की भी शिनाख्त नहीं हुई है। पुलिस ने रामपुर के समेज और निरमंड के बागीपुल से लापता हुए लोगों के परिजनों-रिश्तेदारों के सैंपल जांच के लिए एकत्र कर रही है। अभी तक पुलिस 37 लोगों के सैंपल एकत्र कर चुकी है, जो जांच के लिए स्टेट फॉरेंसिक लैब जुन्गा भेजे गए हैं।

गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को श्रीखंड की चोटी पर बादल फटने से निरमंड की कुर्पण और समेज खड्ड में बाढ़ आई थी। बाढ़ के बाद रामपुर के समेज गांव से 36 लोग और बागीपुल से सात लोग लापता हैं। सोमवार सुबह के समय सुन्नी के दोघरी गांव के समीप दो शव सतलुज नदी में देखे गए तो एनडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस की टीम शवों को निकालने के लिए अभियान शुरू किया। सतलुज से निकालने के बाद शवों का सुन्नी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया। इससे पहले तीन शव सतलुज से बरामद हुए थे। डीएनए जांच के बाद स्पष्ट होगा कि अब तक बरामद शव किसके हैं।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि पुलिस ने अब तक लापता हुए लोगों के 37 रिश्तेदारों के सैंपल डीएनए जांच के लिए एकत्र किए हैं। सैंपलों की जांच स्टेट फॉरेंसिक लैब जुन्गा में की जा रही है। लैब में जांच के बाद पता चलेगा कि अब तक बरामद शव किसके हैं। समेज में सर्च ऑपरेशन में आठ एलएनटी मशीनें तैनात की गई हैं। इसके अलावा स्निफर डॉग, लाइव डिटेक्टर डिवाइस, स्थानीय लोगों की मदद से लापता लोगों की तलाश की जा रही है।

राजबन में लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च अभियान पांचवें दिन भी जारी रहा। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन सोमवार को राजबन पहुंचे और सर्च अभियान को लीड किया। यहां अभी भी दो लोग लापता हैं। लापता हुए 10 लोगों में से आठ के शव बरामद किए जा चुके हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की टीमों के 100 से अधिक जवान दिन-रात लापता लोगों को ढूंढने में लगे हैं। लापता लोगों को हादसे वाले स्थल से लेकर साथ बहती खड्ड में भी ढूंढा जा रहा है।