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साइबर सुरक्षा के लिए तैयार हो रहे कमांडो; नारकोटिक्स,ड्रग्स और डोपिंग पर होगी रिसर्च

केन्द्र सरकार की ओर से अरुणाचल प्रदेश के पाशीघाट में स्थापित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) में नारकोटिक्स, ड्रग्स और डोपिंग पर रिसर्च कार्य किया जाएगा।

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जयपुर

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Vikas Jain

Dec 01, 2024

विकास जैन

पाशीघाट। केन्द्र सरकार की ओर से अरुणाचल प्रदेश के पाशीघाट में स्थापित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) में नारकोटिक्स, ड्रग्स और डोपिंग पर रिसर्च कार्य किया जाएगा। चार वर्ष पहले अस्तित्व में आए इस विवि में देश की आंतरिक सुरक्षा और नए तरह के अपराध साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, नारकोटिक्स, ड्रग्स और डोपिंग जैस विषयों पर फोकस किया गया है। नारकोटिक्स के लिए यहां सेंटर ऑफ ड्रग्स एंड नारकोटिक्स एनेलेटिक्स स्थापित किया जा रहा है। नारकोटिक्स व डोपिंग पर ये काम करेंगे। विवि की विजिट पर गए मीडिया दल को विवि के निदेशक अविनाश खरे ने बताया कि विवि में कई राज्यों के पुलिस अधिकारियों को साइबर सुरक्षा ट्रेनिंग देकर सायबर सुरक्षा कमांडो तैयार किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि देश के दूसरे राष्ट्रीय रक्षा विश्ववद्यालय में उत्तर पूर्व ही नहीं देश के विभिन्न राज्यों के छात्र-छात्राएं सशक्त भारत के लिए तैयार हो रहे हैं। आतंकवाद, उग्रवाद, फोरेंसिक विज्ञान और साइबर सुरक्षा के लिहाज से स्टूडेंट तैयार किए जा रहे हैं। वर्ष 2020 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय रक्षा विवि में अपग्रेड कर गुजरात के गांधी नगर में पहला विवि खेाला। विवि का परिसर पाशीघाट में शुरू किया गया है।

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यातायात प्रबंधन जैसे आंतरिक मुद्दे भी

विवि में आंतरिक सुरक्षा के साथ ही आंतरिक मुद्दों के लिए भी पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाए गए हैं। जिसमें यातायात प्रबंधन भी शामिल है। विवि के संकाय सदस्यों ने बताया कि चार साल के कोर्स में अंतिम वर्ष में रिसर्च वर्क किया जाता है। विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह परिसर अरुणाचल प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय रक्षा विवि के बीच हुए समझौते के तहत स्थापित किया गया है। डिप्लोमा कार्यक्रम इस तरह तैयार किए गए हैं। जिनके बाद छात्र-छात्राएं पुलिस और सेना में भी जा सकते हैं।

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