
नई दिल्ली। इजरायल पर हमले में आतंकी संगठन हमास की चौंकाने वाली पावर ग्लाइडर जैसी तकनीक के इस्तेमाल की चर्चाओं के बीच भारतीय सेना के शीर्ष कमाण्डर 16 से 20 अक्टूबर तक मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों पर मंथन करेंगे। साथ ही सामरिक तैयारियों, सेना के आधुनिकीकरण व मानव संसाधन प्रबंधन जैसे मुद्दों पर भी सम्मेलन में विचार विमर्श किया जाएगा।
सैैन्य कमाण्डरों का यह शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक सम्मेलन हाईब्रिड प्रारूप पर आयोजित किया जाएगा। इसमें पहले दिन सैन्य कमाण्डर वर्चुअल रूप से सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इसके बाद बाकी विचार विमर्श भौतिक प्रारूप में होगा। इसके लिए सैन्य कमाण्डर दिल्ली पहुंचेंगे।
साल में दो बार होने वाले इस सम्मेलन में विचार विमर्श के आधार पर भारतीय सेना की सामरिक तैयारियों व अन्य जरूरतों के मुताबिक नीतिगत निर्णय किए जाते हैं। इस साल से सम्मेलन वर्चुअल व भौतिक दोनों प्रारूपों में आयोजित किया जा रहा है। इसे जारी रखते हुए शीर्ष सैन्य कमाण्डर 16 अक्टूबर को वर्चुअल रूप से सम्मेलन में शामिल होकर विचार विमर्श करेंगे। इसके बाद दिल्ली पहुंचकर विभिन्न मुद्दों पर आमने-सामने चर्चा करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 18 अक्टूबर को शिरकत करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पाण्डे व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी भी सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय कुमार सूद सम्मेलन के दौरान 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने' के विषय पर व्याख्यान देंगे।
सम्मेलन में भारतीय सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा के अलावा मौजूदा व उभरते सुरक्षा परिदृश्यों व सेना की सामरिक तैयारी पर प्रमुखता से मंथन होगा। साथ ही सेना के आधुनिकीकरण, सुधार प्रक्रिया, प्रशिक्षण मामलों, मानव संसाधन प्रबंधन से जुड़े मसलों तथा सेवारत व सेवानिवृत्त सैनिकों से सम्बन्धित विषयों पर भी चर्चा होगी।
Published on:
14 Oct 2023 09:36 pm
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