scriptकांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी समेत 30 बरी, 2017 रेल रोकने के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला | Congress leader Jignesh Mevani and 30 other acquitted in 2017 train interference case | Patrika News
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कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी समेत 30 बरी, 2017 रेल रोकने के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

2017 Rail Blockade Case: गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने प्रदेश सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रेन रोकने से जुड़े 2017 के एक मामले में कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी समेत तीस लोगों को बरी किया है।

Jan 16, 2024 / 07:57 pm

Shivam Shukla

2017 Rail Blockade Case

कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने प्रदेश सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रेन रोकने से जुड़े 2017 के एक मामले में कोर्ट ने तीस लोगों को बरी किया है। इसमें कांग्रेस नेता भी शामिल हैं। अहमदाबाद के एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी ने ये फैसला सुनाया हैर, जिनमें 13 महिलाएं भी शामिल है।

कई धराओं में दर्ज था मामला

दरअसल, 2017 के इस मामले में कांग्रेस नेता मेवाणी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके इलावा, उन पर रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। 2021 में एक सत्र अदालत ने इस केस में मेवाणी को आरोप मुक्त करने से मना कर दिया था।

https://twitter.com/jigneshmevani80/status/1747197735592489360?ref_src=twsrc%5Etfw

फैसले के बाद कांग्रेस नेता ने कही ये बात

इस मामले में फैसला आने के बाद कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “गुजरात के ऐतिहासिक ऊना आंदोलन के दौरान भूमि का मुद्दा मुखर रूप से उठाया गया था! दलितों को आवंटित भूमि पर वर्षों से जातिवादी गुंडों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है!” इस संघर्ष के दौरान कई मामले आए, लेकिन आज अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट ने हमें और संघर्ष के 31 साथियों को बरी कर दिया है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं! दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों को भूमि अधिकार दिलाने का संघर्ष जारी रहेगा!”

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