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केवल एक नए कोरोना वेरिएंट से तीसरी लहर असंभवः NCDC

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक सुजीत सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस का केवल एक नया वेरिएंट तीसरी लहर नहीं ला सकता। अगले छह माह में यह एनडेमिक हो जाएगा।

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Coronavirus Third Wave is not possible just with a new variant

Coronavirus Third Wave is not possible just with a new variant

नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सामने आ रही तमाम खबरों के बीच एक अच्छी खबर आई है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक सुजीत सिंह ने कहा है कि एक नया वेरिएंट अकेले कोरोना वायरस की तीसरी लहर नहीं ला सकता है और यह अगले छह महीनों में एक स्थानिक (एनडेमिक) वाला बनना शुरू हो जाएगा।

एनडीटीवी की एक ताजा रिपोर्ट में एनसीडीसी के निदेशक ने कहा कि भले ही कोरोना वायरस महामारी ने अधिकांश भविष्यवाणियों को धता बता दिया हो, लेकिन यह अगले छह महीनों में एक स्थानिक स्थिति में पहुंच जाएगा।

रिपोर्ट में सिंह के हवाले से कहा गया है कि कोविड के एक स्थानिक होने का मतलब होगा कि संक्रमण पहले से ज्यादा प्रबंधनीय होगा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर कम दबाव डालेगा। उन्होंने कहा कि यदि मृत्यु दर और रुग्णता (morbidity) नियंत्रण में हैं, तो बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि केरल भी पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना के साथ तेज लड़ाई से उभर रहा है।

कोरोना वायरस से लड़ने में टीकाकरण के महत्व पर जोर देते हुए, सिंह ने कहा कि लोगों के वैक्सीनेशन के बाद भी उन्हें कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी आगाह किया कि लगभग 20 से 30 प्रतिशत मामलों में पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों में भी संक्रमित का खतरा होगा।

एनसीडीसी निदेशक ने बताया कि नए वेरिएंट से ब्रेकथ्रू इंफेक्शन यानी पहले से वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों में संक्रमण होता है। उन्होंने कहा, "वैज्ञानिकों का कहना है कि टीकाकरण के 70 से 100 दिनों के भीतर प्रतिरक्षा स्तर गिरना शुरू हो जाता है।"

उन्होंने कहा कि देश में 70 करोड़ टीकाकरण वाले लोगों के साथ अगर वैक्सीन की प्रभावशीलता 70 प्रतिशत है, तो इसका मतलब है कि लगभग 50 करोड़ लोगों में वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता है। उन्होंने कहा कि चूंकि एक खुराक से लगभग
30 प्रतिशत प्रतिरक्षा मिलती है, इसलिए 30 करोड़ लोग जिन्हें एक टीके की खुराक मिली है, उन्हें भी प्रतिरक्षित माना जाता है।

सिंह के मुताबिक, टीकाकरण और वायरस के संपर्क में आने से संक्रमण कम होता है। उन्होंने कहा कि भारत में कोई नया वेरिएंट नहीं है। C1.2 और Mu स्ट्रेन अभी तक देश में नहीं पाए गए हैं। सिंह ने कहा, "बस एक नया संस्करण तीसरी लहर का कारण नहीं बन सकता है। इसका कारक (तीसरी लहर का कारण) व्यवहार और एंटीबॉडी का मिश्रण होगा।" हालांकि, एनसीडीसी प्रमुख ने आगामी त्योहारी सीजन को लेकर चिंता व्यक्त की।