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सबसे ज्यादा दैनिक कोरोना केस वाले केरल ने की कक्षा 1 से स्कूल खोलने की घोषणा

पिछले काफी वक्त से सबसे ज्यादा दैनिक कोरोना के मामले रिपोर्ट करने वाले केरल ने शनिवार को अजीब सी घोषणा की। इसमें 1 नवंबर से कक्षा 1 से फिर से खुलेंगे स्कूल और आठवीं-नौवीं के 15 से।

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Covid-19: Kerala reopening schools from class 1st onwards from November 1

Covid-19: Kerala reopening schools from class 1st onwards from November 1

तिरुवनंतपुरम। पिछले काफी वक्त से देश में रोजाना सर्वाधिक कोरोना वायरस मामले रिपोर्ट करने वाले केरल ने बड़ी घोषणा की है, जिसे सुनने के बाद तमाम राज्यों के कान खड़े हो जाएंगे। दरअसल, केरल में 1 नवंबर से स्कूल फिर से खुलेंगे। इस बात का निर्णय शनिवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय कोविड-19 समीक्षा बैठक में लिया गया। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश में 1 नवंबर से स्कूलों में पहली से कक्षाएं खोली जाएंगी।

इतना ही नहीं, इस घोषणा की सबसे हैरानी वाली बात है कि कक्षा 1 से 7 यानी प्राइमरी सेक्शन और 10वीं और 12वीं के लिए स्कूल में कक्षाएं 1 नवंबर से शुरू होंगी, जबकि अन्य कक्षाओं की स्कूलों में पढ़ाई 15 नवंबर से शुरू होगी। यानी कक्षा आठ, नौ और 11वीं की स्कूलों के भीतर पढ़ाई 15 नवंबर से शुरू होगी।

इस संबंध में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पहले प्राथमिक कक्षाओं को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। कक्षा 10 और 12 के लिए स्कूल आधारित कक्षाएं फिर से शुरू कर दी गई हैं क्योंकि ऐसे छात्रों को अगले साल बोर्ड परीक्षा में शामिल होना है।

सामान्य शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को स्कूल फिर से खोलने के लिए की जाने वाली तैयारियों पर संयुक्त रूप से निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है। विजयन ने यह भी निर्देश दिया कि स्कूली बच्चों के लिए विशेष मास्क प्रदान किए जाने की आवश्यकता है और स्कूलों से ऐसे मास्क का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक किए जाने की व्यवस्था की जाए।

जबकि इससे पहले शनिवार को घोषणा की गई कि राज्य में स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करते हुए एक साल से अधिक समय के बाद 4 अक्टूबर को कॉलेज फिर से खुलेंगे। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सजुकुमार ने एक आदेश में कहा कि डिग्री और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर की कक्षाएं COVID-19 स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए शुरू की जाएंगी।

उच्च शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सभी संस्थान 4 अक्टूबर से काम करना शुरू कर देंगे। अंतिम वर्ष के पीजी पाठ्यक्रम पूर्ण हाजिरी के साथ आयोजित किए जाएंगे, जबकि अंतिम वर्ष के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए यह 50 प्रतिशत होगा। कॉलेज परिषदों द्वारा संस्थानों में उपलब्ध स्थान के अनुसार समय तय किया जा सकता है।

आदेश में कहा गया है कि विज्ञान विषयों के लिए व्यावहारिक कक्षाओं को महत्व दिया जाना चाहि जबकि अन्य के लिए कक्षाएं ऑनलाइन जारी रहेंगी। आदेश में कहा गया है, "कक्षाएं शुरू होने से पहले कक्षाओं, पुस्तकालयों और प्रयोगशालाओं को अच्छी तरह से साफ कर दिया जाना चाहिए और संस्थान संबंधित स्थानीय स्व-सरकारी निकायों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या गैर सरकारी संगठनों से सहायता ले सकते हैं।"

इतना ही नहीं, यह भी घोषणा की गई कि 10 और उससे अधिक के साप्ताहिक संक्रमण-जनसंख्या अनुपात (WIPR) के साथ स्थानीय निकायों में लॉकडाउन लगाया जाएगा। इससे पहले, लॉकडाउन का मानदंड 8 और उससे अधिक का WIPR था। अब निजी लैब में एंटीजन टेस्ट की अनुमति नहीं होगी।

इस उच्च स्तरीय बैठक में 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जिलों में कोविड कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को वर्तमान दर से तीन से चार गुना तक बढ़ाया जाए।

इससे पहले शनिवार को ओडिशा सरकार ने आदेश दिया कि प्रदेश के सभी सरकारी और गैर-सरकारी कॉलेजों में आगामी 20 सितंबर से अंडरग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स की फिजिकल क्लासरूम टीचिंग शुरू की जाए। यह निर्देश तीन और चार वर्ष के सभी स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए लागू होता है। इसके साथ ही कोरोना से जुड़े सभी प्रोटोकॉल्स का भी पालन किया जाए।