6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारत में विदेशी नागरिकों के खिलाफ बढ़ा अपराध, एक साल में दर्ज़ हुए इतने केस, NCRB रिपोर्ट में दिल्ली सबसे ऊपर

रिपोर्ट के अनुसार, कुल 266 पीड़ितों में से आधे से अधिक एशियाई देशों के नागरिक थे, जबकि यूरोपीय नागरिक कुल पीड़ितों का लगभग 20% हिस्सा बनाते हैं। विदेशियों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध चोरी और बलात्कार से जुड़े थे। चोरी के 46 मामले और बलात्कार के 27 मामले दर्ज किए गए। कुल मामलों में से 53.8% पीड़ित एशियाई और 20.7% यूरोपीय थे।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Siddharth Rai

Sep 30, 2025

Crime News

NRBC ने जारी किया विदेशी नागरिकों के खिलाफ अपराध का डाटा (प्रतिकात्मक तस्वीर)

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NRBC) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में विदेशी नागरिकों के खिलाफ अपराध में व्रद्धि हुई है। ताज़ा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में विदेशी नागरिकों के खिलाफ अपराधों में 2022 की तुलना में 2023 में 24% की वृद्धि दर्ज की गई है। 2023 में कुल 238 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2022 में यह संख्या 192 थी।

रिपोर्ट के अनुसार, कुल 266 पीड़ितों में से आधे से अधिक एशियाई देशों के नागरिक थे, जबकि यूरोपीय नागरिक कुल पीड़ितों का लगभग 20% हिस्सा बनाते हैं। विदेशियों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध चोरी और बलात्कार से जुड़े थे। चोरी के 46 मामले और बलात्कार के 27 मामले दर्ज किए गए। कुल मामलों में से 53.8% पीड़ित एशियाई और 20.7% यूरोपीय थे।

विदेशियों के खिलाफ अपराध में दिल्ली सबसे ऊपर है, जहां कुल 63 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद कर्नाटक (32), हिमाचल प्रदेश (22), महाराष्ट्र (19), हरियाणा (18), और केरल (17) हैं। वहीं, विदेशी नागरिकों द्वारा किए गए अपराधों में 21.2% की वृद्धि हुई है। 2023 में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 2,546 हो गई, जबकि 2022 में यह 2,100 थी। रिपोर्ट के अनुसार, 48.5% मामले विदेशी अधिनियम और विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम के तहत दर्ज किए गए, जबकि 17.7% मामले पासपोर्ट अधिनियम के तहत दर्ज हुए।

संपत्ति अपराधों में भी बढ़ोतरी

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि संपत्ति के खिलाफ अपराधों में 4.7% की वृद्धि हुई है। 2022 में कुल 8,39,252 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में बढ़कर 8,78,307 हो गए। 2023 में सबसे अधिक 78.5% यानि 6,89,580 मामले चोरी के दर्ज किए गए, इसके बाद 12.2% यानि 1,07,573 मामले डकैती के थे। संपत्ति अपराधों की कुल हानि 6,917.2 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जबकि केवल 2,065 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद हुई, यानी चोरी गई संपत्तियों की केवल 29.9% वसूली संभव हो पाई।

एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत में संज्ञेय अपराधों में 7.2% की वृद्धि हुई, और पूरे देश में 62.4 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट बताती है कि भारतीय दंड संहिता के तहत 37.6 लाख मामले और विशेष एवं स्थानीय कानूनों के तहत 24.7 लाख मामले दर्ज किए गए। जहां आईपीसी अपराधों में 5.7% की वृद्धि हुई, वहीं विशेष एवं स्थानीय कानूनों के मामलों में 2022 की तुलना में 9.5% की और भी अधिक वृद्धि देखी गई।

रिपोर्ट बताती है कि प्रति लाख जनसंख्या पर कुल अपराध दर 2022 में 422.2 से बढ़कर 2023 में 448.3 हो गई।

मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघन दोगुने हो गए, जो 94,450 से बढ़कर 1.92 लाख हो गए, जिसने समग्र वृद्धि में भारी योगदान दिया। मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराध 2.3% बढ़े, और 11.85 लाख मामले दर्ज किए गए।