कई बार बुलाने पर भी कोर्ट में नहीं पेश होने और कोर्ट का समय खराब करने के लिए दिल्ली के एक कोर्ट ने एक आरोपी को पूरे दिन कोर्ट में हाथ ऊपर कर के कोने में खड़े रहने की सजा सुनाई।
दिल्ली की एक अदालत ने कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में एक व्यक्ति को ऐसी अनोखी सजा सुनाई, जिसे सुन कर आपको स्कूल के दिन याद आ जाएंगे। मामला द्वारका की एक कोर्ट का है, यहां जज सौरभ गोयल की बेंच ने कुलदीप नाम के एक व्यक्ति को कोर्ट का समय खराब करने के लिए स्कूली बच्चों की तरह हाथ ऊपर कर के कोने में खड़े रहने की सजा दे दी। आरोपी का नाम कुलदीप है उसे बार बार बुलाने पर भी कोर्ट में पेश नहीं होने और कोर्ट को इंतजार कराने की सजा के तौर पर एक पूरे दिन कोर्ट में हाथ ऊपर कर के खड़े रहने को कहा गया।
दरअसल, आरोपी कुलदीप को सुबह 10 बजे से 11:40 बजे के बीच दो बार कोर्ट में बुलाया गया और उसका इंतजार भी किया गया। लेकिन इसके बावजूद कुलदीप ने कोर्ट में ज़मानत का बॉन्ड (ज़मानतनामा) जमा नहीं किया। इसी के चलते कोर्ट ने कुलदीप के खिलाफ यह अवमानना का आदेश पारित करते हुए उसे यह अनोखी सजा सुनाई।
आदेश में कहा गया, अदालत का समय बर्बाद करने के लिए, जो पिछली सुनवाई की तारीख को विधिवत जारी किए गए आदेश की अवमानना है, आरोपी व्यक्तियों को अदालत की अवमानना की कार्यवाही के लिए दोषी ठहराया जाता है और उन्हें आईपीसी की धारा 228 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है। आदेश में यह भी कहा गया कि, आरोपी कुलदीप ने अपनी ज़मानत के लिए ज़मानत बांड जमा नहीं किए, जिसके चलते उसे अदालत की हिरासत में लिया जाता है।
कोर्ट ने कुलदीप को अदालत की कार्यवाही समाप्त होने तक अपने हाथ सीधे ऊपर करके अदालत में खड़ा रहने की सजा दे दी। इसके साथ ही उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भी भेजा गया और उसे अगली तारीख पर फिर से पेश करने के निर्देश दिए।