
दिल्ली पुलिस ने बाल तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया (प्रतिकात्मक तस्वीर)
दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस अंतरराज्यीय गैंग के 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया है और साथ ही 6 मासूमों को भी छुड़वाया है जिनकी उम्र एक साल से भी कम है। साउथ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस चाइल्ड ट्रैफिकिंग रेकेट भंडाफोड़ किया है। यह रैकेट बस सार्वजनिक स्थानों मजदूर और गरीब परिवारों के बच्चों और अस्पतालों से नवजातों को चोरी करता था और उन्हें बेच कर मोटी रकम हासिल करता था।
एक बच्चे की गुमशुदगी की तलाश की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह तक पहुंचने में सफलता हासिल की। यह शिकायत अगस्त में यूपी के बांदा जिले के रहने वाला सुरेश नामक एक मजदूर व्यक्ति ने दर्ज कराई थी। इसके अनुसार, सुरेश 22 अगस्त को अपने परिवार के साथ राजस्थान जा रहा था और इसी बीच वह सराय काले खां ISBT पर रात गुजारने के लिए रुके। परिवार जब प्लेटफॉर्म पर सो रहा था उसी दौरान करीब 11 बजे सुरेश के 6 महीने के बेटे को अज्ञात बदमाशों ने चोरी कर लिया था।
सुरेश ने मामले की शिकायत पुलिस की दी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत SIT का गठन कर मामले की जांच शुरु कर दी गई। पुलिस ने प्लेटफॉर्म की सीसीटीवी फुटेज की जांच की जिसमें संदिग्ध बच्चे को बस अड्डे से बाहर ले जाते हुए दिख रहे थे। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी और मुखबिरों की मदद से आगरा से वीरभान नामक एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। वीरभान ने बताया कि उसने बच्चे को आगरा के के.के. अस्पताल के मालिक डॉ. कमलेश को दिया है, जिसके बाद पुलिस मरीज बन कर अस्पताल गई और डॉ. कमलेश को गिरफ्तार कर लिया।
कमलेश ने बताया कि उसने बच्चे को सुंदर नाम के एक व्यक्ति को बेचा है, लेकिन पुलिस की खबर मिलते ही सुंदर फरार हो गया। पुलिस ने सुंदर को यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर 50 किलोमीटर पीछा कर पकड़ा जिसने बताया कि उसने आगरा के कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा को बच्चा बेच दिया है। पुलिस ने दंपती के घर छापा मार कर 6 महीने के मासूम को वहां से बरामद किया। इसके बाद पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर गिरोह के कुल 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया और लगातार छापेमारी कर गिरोह के बेचे हुए 6 बच्चों को छुड़ाया।
Published on:
08 Sept 2025 06:59 pm
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