विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में बंगाल के ऊपर एक एंटीसाइक्लोन विकसित होने की संभावना है। जिसके चलते राज्य में प्रदूषण के स्तर में और ज्यादा वृद्धि देखने को मिलेगी। बताया गया कि एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन ऊपरी स्तरों में एक वातावरणीय वायु प्रवाह है, जो किसी उच्च दबाव वाले विक्षोभ से जुड़ा होता है।
इन राज्यों में भी हो सकता है प्रदूषण का असर
विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी ऐसा विक्षोभ बनता है तो हवा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी के हिसाब से बहती है और दक्षिणी गोलार्ध में उसके उलट बहती है। इससे वायु में मौजूद प्रदूषण नष्ट नहीं होता। बता दें कि बंगाल के साथ पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एंटीसाइक्लोन बन रहा है, जिससे आने वाले दिनों में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही उड़ासी और झारखंड में भी एक-दो दिन तक इसी तरह की स्थिति रह सकती है।
बंगाल में मौसम की यह स्थिति अगले तीन-चार दिनों तक बने रहने की संभावना है। जिसके चलते प्रदूषण का स्तर भी अधिक हो सकता है। बता दें कि राजधानी दिल्ली में हर साल सर्दियों की शुरूआत होते ही प्रदूषण का कहर देखने को मिलता है। इसके लिए दिल्ली सरकार यूपी, पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली को जिम्मेदार बताती है। जिसके चलते दिल्ली की हवा प्रदूषित हो जाती है।