
ऑनर किलिंग में विवादित बयान (X)
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की सहयोगी पार्टी विदुथलै चिरुथैगल काची (VCK) के नेता वन्नियारासु के एक विवादित बयान ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। वन्नियारासु ने एक कार्यक्रम में हिंदू महाकाव्यों रामायण और महाभारत को ऑनर किलिंग के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इन ग्रंथों की विचारधारा और ब्राह्मणवादी मान्यताएं ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती हैं। इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ा ऐतराज जताया है, जिससे तमिलनाडु की राजनीति में तनाव बढ़ गया है।
VCK नेता वन्नियारासु ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दावा किया कि रामायण और महाभारत जैसे हिंदू महाकाव्य ऑनर किलिंग जैसी सामाजिक कुरीतियों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने इन ग्रंथों को ब्राह्मणवादी विचारधारा से जोड़ते हुए कहा कि ये सामाजिक असमानता और हिंसा को बढ़ावा देते हैं। इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया।
तमिलनाडु BJP के पूर्व अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने वन्नियारासु के बयान को "घटिया राजनीतिक बयानबाजी" करार देते हुए कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म हजारों वर्षों से हमलों का सामना करता रहा है और ऐसी राजनीति प्रेरित टिप्पणियों को भी सहन करेगा।" अन्नामलाई ने DMK और उसके सहयोगियों पर हिंदू धर्म को बदनाम करने का आरोप लगाया और इस बयान को सनातन धर्म के खिलाफ हमला बताया।
DMK और VCK की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, DMK इस विवाद को शांत करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि यह बयान उनकी गठबंधन सरकार की छवि को प्रभावित कर सकता है। VCK के कुछ नेताओं ने निजी तौर पर इस बयान को व्यक्तिगत राय बताया, लेकिन पार्टी ने औपचारिक रूप से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
ऑनर किलिंग तमिलनाडु में एक गंभीर सामाजिक समस्या रही है। हाल ही में, थूथुकुडी जिले में एक दलित सॉफ्टवेयर इंजीनियर कविन सेल्वागणेश की कथित ऑनर किलिंग ने राज्य में आक्रोश पैदा किया था। इस घटना के बाद DMK की सहयोगी पार्टियों ने ऑनर किलिंग के खिलाफ सख्त कानून की मांग की थी। वन्नियारासु का बयान इस संदर्भ में आया, जिसने इसे धार्मिक और राजनीतिक रंग दे दिया।
इस बयान ने तमिलनाडु की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। BJP इसे सनातन धर्म के खिलाफ हमले के रूप में पेश कर रही है, जबकि विपक्षी दल इसे सामाजिक सुधार और जातिगत हिंसा के खिलाफ बहस का हिस्सा मान रहे हैं।
वन्नियारासु का यह बयान न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला माना जा रहा है, बल्कि यह DMK गठबंधन के लिए भी एक चुनौती बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद तमिलनाडु की राजनीति को उल्टा कर सकता है।
Published on:
26 Aug 2025 08:57 am
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