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रक्षा अनुसंधान विकास संगठन यानी DRDO ने 100 दिन के अंदर ही स्वदेशी राफइल तैयार कर ली है। संगठन ने 7.62 मिमी कैलिबर की इस राइफल का नाम उग्राम रखा है। इसका मतलब क्रूर होता है। उग्राम को भारत की नई सैन्य, अर्धसैनिक और विशेष बल की जरूरतों के अनुसार तैयार किया गया है। यह राइफल इंसास से ज्यादा खतरनाक है। इसे आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने हैदराबाद स्थित निजी फर्म डीवीपा आर्मर के साथ मिलकर तैयार किया है।
ये है खासियत...
यह एक 7.62 मिमी कैलिबर राइफल है।
यह स्वचलित और एकल दोनों तरह गोली दागती है।
यह 500 मीटर में दुश्मन की जान ले लेती है।
यह 1000 मीटर तक दुश्मन को चोटिल करती है।
यह एक मिनट में 600 गोलियां दागती है।
इस राइफल का कुल वजन चार किलोग्राम है।
इस राइफल की मैगजीन में 20 गोलियां आती हैं।
अब होगा राइफल का परीक्षण
ARDI के निदेशक अंकथी राजू ने बताया है कि दो साल पहले इस कार्यक्रम को शुरू किया गया था। एआरडीई द्वारा राइफल डिजाइन के बाद अब इसे 100 दिन में निजी क्षेत्र के साथ मिलकर तैयार किया गया है। इस राइफल का अब सर्दी, गर्मी और पानी में परीक्षण किया जाएगा।
युक्रेन युद्ध के कारण अटकी AK-203 राइफल
रूस और युक्रेन में युद्ध के कारण AK-203 राइफल की आपूर्ति थम गई है। कुछ राइफलों के रूस से आने के बाद भारत में ही इसका उत्पादन किया जाना है। 7.62 मिमी कैलिबर की यह राइफल 300 मीटर तक मार करती है। इसे इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड तैयार करेगा।
Published on:
09 Jan 2024 07:54 pm
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