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चुनाव आयोग ने जारी किया आदेश, पूरे देश में होगा वोटर वेरिफिकेशन

Bihar Assembly Election: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देश भर में मतदाता सूची की व्यापक जांच और सत्यापन के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।

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भारत

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Devika Chatraj

Jul 25, 2025

पूरे देश में जारी होगा वोटर वेरिफिकेशन (EC)

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देश भर में मतदाता सूची की व्यापक जांच और सत्यापन के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) का उद्देश्य मतदाता सूची से फर्जी और अवैध प्रविष्टियों को हटाना तथा मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना है। यह कदम बिहार में हाल ही में शुरू किए गए सत्यापन अभियान के बाद उठाया गया है, जहां 35.6 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया चल रही है।

क्या है वोटर वेरिफिकेशन अभियान?

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि अगस्त 2025 से पूरे देश में मतदाता सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध मतदाताओं, विशेष रूप से बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से आए संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना और उनकी फर्जी वोटर आईडी को हटाना है। इसके लिए मतदाताओं को अपनी नागरिकता, पहचान और निवास स्थान साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।

अब पूरे देश में लागू

बिहार में जून 2024 से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण में अब तक 88% मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है, और लगभग 5% अवैध प्रविष्टियां हटाई गई हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विवाद भी सामने आए हैं। कई लोगों और बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) का कहना है कि सत्यापन प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई है, जबकि आयोग का दावा है कि 95% सत्यापन पूरा हो चुका है।

क्यों उठाया यह कदम?

चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों को रोकने और फर्जी मतदान को खत्म करने के लिए यह सत्यापन जरूरी है। आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन और आधार से लिंकेज जैसे उपायों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे मतदाता पहचान की प्रामाणिकता बढ़ाई जा सके।

कैसे होगा सत्यापन?

दस्तावेज सत्यापन: मतदाताओं को आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे।
बायोमेट्रिक सत्यापन: पहचान की सटीकता के लिए बायोमेट्रिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
पता सत्यापन: बूथ लेवल अधिकारी व्यक्तिगत रूप से मतदाताओं के पते की जांच करेंगे।