
चुनाव आयोग का कड़ा एक्शन (IANS)
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक और सख्त कदम उठाया है। आयोग ने शुक्रवार को 474 पंजीकृत लेकिन मान्यता प्राप्त न होने वाले राजनीतिक दलों (RUPPs) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। ये दल लगातार छह वर्षों से किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले रहे थे। इसके अलावा, 359 अन्य दलों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इन दलों ने वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए वार्षिक ऑडिटेड खाते जमा नहीं किए हैं, साथ ही चुनावी खर्च की रिपोर्ट भी नहीं सौंपी।
यह कार्रवाई आयोग की ओर से जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार, पिछले दो महीनों में कुल 808 दलों के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने वाली दूसरी बड़ी पहल है। पहले चरण में 9 अगस्त 2025 को 334 दलों को हटाया गया था।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि ये कार्रवाइयां प्रतिनिधित्व ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 की धारा 29A के तहत की जा रही हैं, जो राजनीतिक दलों के पंजीकरण और अनुपालन को नियंत्रित करती है।
हालांकि यह कार्रवाई मुख्य रूप से छोटे और निष्क्रिय क्षेत्रीय दलों पर केंद्रित है, लेकिन चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सभी दलों पर सख्त निगरानी रखने का संकेत दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अन्य राष्ट्रीय दलों को भी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) के उल्लंघन और वित्तीय रिपोर्टिंग में पारदर्शिता बनाए रखने की चेतावनी दी गई है।
23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित इन 359 दलों को शो-कॉज नोटिस जारी किए जाएंगे। संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) द्वारा सुनवाई के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
Published on:
21 Sept 2025 12:56 pm
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