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Dam Safety: दुनिया भर के विशेषज्ञ कल से जयपुर में करेंगे बांध सुरक्षा पर मंथन

- उपराष्ट्रपति धनखड़ करेंगे उद्घाटन, पंद्रह देशों के पेशेवर एक्सपर्ट करेंगे शिरकत

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Dam Safety: दुनिया भर के विशेषज्ञ कल से जयपुर में करेंगे बांध सुरक्षा पर मंथन

Dam Safety: दुनिया भर के विशेषज्ञ कल से जयपुर में करेंगे बांध सुरक्षा पर मंथन

नई दिल्ली। दुनिया भर के विशेषज्ञ 14 व 15 सितम्बर को जयपुर में बांध सुरक्षा पर मंथन करेंगे। इसमें देश के विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञों के अलावा पंद्रह देशों के पेशेवर बांध सुरक्षा व प्रबंधन पर चल रहे प्रयासों व इन्हें आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जयपुर के राजस्थान अंतरराष्ट्रीय केंद्र (आरआईसी) में आयोजित बांध सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

सम्मेलन केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की मेजबानी में राजस्थान जल संसाधन विभाग, केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण, एमएनआईटी जयपुर, डब्ल्यूएपीसीओएस लिमिटेड, विश्व बैंक और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें आ रहे विशेषज्ञ 16 सितम्बर को तेंदुआ सफारी व बीसलपुर बांध का अवलोकन भी करेंगे।

सम्मेलन में बांध पुनर्वास व सुधार परियोजना (डीआरआईपी) के दूसरे व तीसरे चरण के उद्देश्यों व इसका बांध सुरक्षा सुधार में योगदान पर विशेष रूप से चर्चा होगी। साल 2012 में शुरू हुई परियोजना के पहले चरण में 2100 करोड़ रुपए की लागत से सात राज्यों के 223 बांधों का पुनर्वास किया गया है। विश्व बैंक व एआईआईबी से वित्त पोषित दूसरे व तीसरे चरण में 10,211 करोड़ की लागत से 19 राज्यों में 736 बांधों का पुनर्वास किया जा रहा है।

'पानी की रेल' से जलसंरक्षण का संदेश

उद्घाटन सत्र में विनाइल-आवरण वाली 'पानी की रेल' के रूप में दो ट्रेनों हिमसागर एक्सप्रेस व कामाख्या एक्सप्रेस रवाना की जाएंगी। ये जल संरक्षण व प्रबंधन, नदी पुनर्जीवन, पेयजल और बेहतर स्वच्छता का संदेश देने के लिए चलते-फिरते बिलबोर्ड के रूप में काम करेंगी। रेल मंत्रालय के सहयोग से 'पानी की रेल' देश के कोने-कोने तक पहुंच कर जल संरक्षण का संदेश देगी।

भारत में 6000 से ज्यादा बांध

भारत बड़े बांधों के मामले में विश्व स्तर में तीसरे स्थान पर हैं। देश के छह हजार से अधिक बांधों में से लगभग 80 प्रतिशत 25 वर्ष से ज्यादा और 234 बांध 100 वर्षों से ज्यादा पुराने हैं। देश का सबसे पुराना बांध कल्लनई बांध माना जाता है। इसका निर्माण राजा कारिकलन चोल ने दूसरी शताब्दी ईस्वी में बनवाया था।