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जी-20 के जरिए दुनिया को समझाएं शाकाहार का महत्वः आचार्य सुनील सागर

- विदेशी मेहमानों को विशुद्ध शाकाहारी भोजन परोसने के लिए पीएम की सराहना

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जी-20 के जरिए दुनिया को समझाएं शाकाहार का महत्वः आचार्य सुनील सागर

जी-20 के जरिए दुनिया को समझाएं शाकाहार का महत्वः आचार्य सुनील सागर

नई दिल्ली। दिगम्बर जैनाचार्य सुनील सागर महाराज ने जी -20 शिखर सम्मेलन में विदेशी मेहमानों को विशुद्ध शाकाहारी भोजन परोसने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सराहना करते हुए गुरुवार को कहा कि भारत को सम्मेलन के जरिए दुनिया को शाकाहार का महत्व समझाने की दिशा में भी प्रयास करने चाहिए।

आचार्य सागर ने नियमित प्रवचन के दौरान कहा कि शाकाहार ही भारत की मूल संस्कृति है। जी-20 में शाकाहारी भोजन परोसने की मोदी की पहल निश्चित रूप से रंग लाएगी और एक दिन पूरी दुनिया में शाकाहार का डंका बजेगा। वैसे अनेक देशों में भी शाकाहार को मान्यता दी गई है। विश्व शाकाहारी दिवस भी मनाया जाने लगा है। यानी पूरी दुनिया ने किसी न किसी रूप में शाकाहार को स्वीकार किया है लेकिन भारत में मांसाहार का प्रचलन दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि मांसाहार व्यक्तियों के तन-मन पर गहरा कुप्रभाव डालती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मांसाहार से होने वाली 160 बीमारियों के नाम प्रमाणित किए हैं। बकि शाकाहार से सत्त्वगुण की वृद्धि होती है। इससे प्रसन्नता व स्फूर्ति मिलती है। वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि शाकाहारी व्यक्ति दयालु, संवेदनशील, कोमल मन वाले तथा सात्विक प्रवृत्ति के होते हैं, वहीं मांसाहारी अपेक्षाकृत क्रूर, हिंसक, कठोर हृदय वाले तथा तामसिक प्रवृत्तियों वाले होते हैं। ऐसे में जी-20 में मांसाहार न परोसने का फैसला स्वागत योग्य है। इससे दुनिया को शाकाहार का महत्व समझाने में बड़ी मदद मिल सकती है।