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INDIA vs BHARAT: भारत नाम का विरोध करने वालों को एस. जयशंकर की नसीहत, कही ये बात

INDIA vs BHARAT: केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत नाम विवाद पर कहा, "इंडिया दैट इज भारत' और यह संविधान में है। मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा।

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S. Jaishankar

S. Jaishankar on BHARAT Name Row

S. Jaishankar on BHARAT Name Row: देश में 9 और 10 सितंबर को आयोजित होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के आमंत्रण पत्र पर इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर सियासी घामासान मच गया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के नेता इसको लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। अब इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विरोध करने वालों को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को भारत नाम से आपत्ति है उन्हें एक बार संविधान पढ़ना चाहिए।


[typography_font:14pt]इंडिया की जगह लिखा गया भारत

दरअसल, राष्ट्रपति भवन में G20 समिट के दौरान 9 सितंबर को डिनर का आयोजन किया जाना है, इस डिनर का आमंत्रण भी 'भारत के राष्ट्रपति' (President of Bharat) के नाम से भेजा है। जबकि इससे पहले किसी भी पत्र या सूचना में President of India प्रयोग किया जाता रहा है। इसके अलावा पीएम मोदी के इंडोनेशिया के दौरे के बारे में जानकारी देते हुए प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत का लिखा गया।

[typography_font:14pt;" >RSS चीफ भी कर चुके हैं पैरवी

RSS के संघचालक मोहन भागवत भी देश का नाम भारत करने की पैरवी कर चुके हैं। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था, "हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है। हमारा देश भारत है और हमें सभी व्यवहारिक क्षेत्रों में इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद करके भारत शब्द का इस्तेमाल शुरू करना होगा, तभी बदलाव आएगा। हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी यही समझाना होगा।"
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