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इस महंगाई के जमाने में भी आप फ्री में कर सकते हैं ट्रेन से सफर, जानें ट्रेन का नाम और रूट

Free Rail Journey: 1 जुलाई 2025 से भारत में रेल से सफर करना थोड़ा महंगा हो गया। हालांकि इसके बावजूद आप फ्री में एक ट्रेन से सफर कर सकते हैं। चलिए आपको पूरी डिटेल्स में बताते हैं कि आप कहां और कैसे फ्री में रेल से सफर कर सकते हैं।

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Jul 06, 2025
Free Rail journey in 2025 (Photo- UNSplash)

Free Rail Ticket or Journey: 1 जुलाई 2025 से भारतीय रेलवे ने यात्रियों को बड़ी राहत देने की घोषणा की। अब आरक्षण चार्ट चार घंटे की बजाय 8 घंटे पहले जारी की जाएगी। इससे यात्रियों को सहूलियत होगी। इसके अलावा तत्काल बुकिंग को लेकर भी कई बदलाव किए गए। अब IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर केवल प्रमाणित यूजरों को ही तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति होगी। इसके अलावा, जुलाई के अंत से तत्काल बुकिंग के लिए ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण किया जाएगा। प्रमाणीकरण यूजर के डिजिलॉकर खाते में उपलब्ध आधार या किसी अन्य सत्यापन योग्य सरकारी आईडी का उपयोग करके किया जा सकेगा। इस दौरान रेलवे ने एक और कदम उठाया, जिससे यात्रियों का झटका लग सकता है। रेलवे ने किराए में इजाफा भी कर दिया है।

लेकिन इसके बावजूद आज भी आप बिना पैसे खर्च किए ट्रेन से सफर कर सकते हैं। जी हां ये कहीं और नहीं बल्कि भारत में ही चलती है। जैसा कि आप जानते हैं भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा है, वहां हर दिन लाखों यात्री ट्रेनों से यात्रा करते हैं। रेल यात्रा भारत में सस्ती मानी जाती है लेकिन सुविधाओं पर लगातार सवाल उठते रहने हैं। इतने बड़े रेल नेटवर्क में एक ऐसी भी ट्रेन चलाई जाती है, जिसमें सफर करने के लिए एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ता है। यह पिछले 77 सालों से लगातार ट्रेन चलाई जा रही है।

यह ट्रेन हिमाचल प्रदेश और पंजाब में चलती है और इस ट्रेन का नाम भाखड़ा-नंगल है। ये रेल सिर्फ टूरिस्ट के लिए ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी आकर्षण का केंद्र है। भाखड़ा-नंगल ट्रेन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बाद शुरू हुई। पहली बार यह रेल 1948 में भाखड़ा-नंगल बांध के निर्माण के दौरान चलाई गई। तब इस ट्रेन को बांध के निर्माण में लगे मजदूरों, कर्मचारियों और सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए शुरू किया गया था। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने इस ट्रेन को चलाया था, जो भारतीय रेलवे के अंतर्गत नहीं आती।

भाप से चलती थी ट्रेन

शुरुआत में ये ट्रेन भाप वाले इंजन से चलती थी, लेकिन 1953 से इसे डीजल इंजन से चलाया जाता है। जब बांध का निर्माण पूरा हो गया तो इस ट्रेन को बंद नहीं किया गया और मैनेजमेंट ने इसे पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए मुफ्त में चलाने का फैसला किया। यह ट्रेन 13 किलोमीटर लंबा सफर तय करती है, जो पंजाब के नंगल और हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा के बीच चलती है। सबसे शानदार नजारा तब देखने को मिलता है, जब यह ट्रेन सतलुज नदी को पार करती हुई शिवालिक पहाड़ियों से गुजरती है। ये ट्रेन 3 टनल और 6 रेलवे स्टेशन से होकर गुजरती है, जो टूरिस्ट के सफर को और रोमाचक बनाता है। अगर आप भी फ्री रेल सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं तो नंगल या भाखड़ा जा सकते हैं।

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