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Gaganyaan Mission New Updates: तकनीकी खामी को दूर कर मिशन पर निकला गगनयान, ISRO ने दी जानकारी

Gaganyaan: इसरो ने आखिरकार गगनयान का पहला ट्रायल लॉन्च कर दिया है. तकनीकी खराबी के चलते पहले इसे टालना पड़ा था. खराबी को दूर किया गया और इसरो ने आज ही इसका ट्रायल लॉन्च कर दिया।  

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 gaganyaan crew escape system will launch today isro from sri harikota

इसरो चीफ ने दी वैज्ञानिकों को बधाई

गगनयान मिशन पर इसरो को बड़ी कामयाबी मिली है। स्पेस एजेंसी ने यान का पहला ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इसके लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी। टीवी-डी1 बूस्टर की मदद से इसकी लॉन्चिंग की गई थी। श्रीहरिकोटा से उड़ान भर यान ने बंगाली की खाड़ी में लैंडिंग की। भारत का गगनयान मिशन 2025 के लिए तैयार किया जा रहा है।

उड़ान से पहले आई थी खराबी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज श्रीहरिकोटा परीक्षण रेंज से गगनयान मिशन के व्हीकल टेस्ट फ्लाइट (टीवी-डी1) का पहला परीक्षण करने जा रहा है। गगनयान मिशन के लिए टेस्ट उड़ान टीवी-डी1 को सुबह आठ बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए, इसका लॉन्च टाइम 30 मिनट आगे बढ़ा दिया गया। हालांकि, खराब मौसम की वजह से इसरो ने फिलहाल गगनयान के परीक्षण को कुछ और समय के लिए रोकने का फैसला किया है।

आज लांच होने वाला था गगनयान

मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के क्रू एस्केप सिस्टम के पहले परीक्षण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शनिवार सुबह 8 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लांच पैड से टीवी-डी-1 मिशन लाॅन्च करेगा। इस मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों की बचाव प्रणाली के अलावा कई अहम तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा। इसरो ने कहा है कि इस मिशन का उद्देश्य क्रू एस्केप प्रणाली (अंतरिक्ष यात्रियों की बचाव प्रणाली) सहित अन्य विभिन्न सेपरेशन प्रणालियों को आजमाना, उनका मूल्यांकन करना और फिर से हासिल करना है। लगभग 17 किमी. की ऊंंचाई पर क्रू मॉड्यूल की विशेषताओं की जांच करना, उसकी मंदन प्रणाली का प्रदर्शन और उसे फिर से हासिल करना है। इस मिशन में परीक्षण वाहन (टीवी-डी-1) के उड़ान प्रदर्शन को भी देखा जाएगा और उसका मूल्यांकन किया जाएगा।

आपात स्थिमि में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने में सक्षम

यह प्रणाली आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने के लिए है। इसरो ऐसे तीन और एबॉर्ट मिशन के बाद इसरो पहला मानव रहित मिशन लाॅन्च करेगा। दो मानव रहित मिशनों के बाद ही मानव मिशन लाॅन्च किया जाएगा और तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को 2025 तक स्पेस में भेजा जाएगा। एबॉर्ट मिशन में इसरो ने उन आपात स्थितियों की परिकल्पना की है, जो मिशन लाॅन्च करते समय या धरती के आर्बिट में पहुंचने के बाद उत्पन्न हो सकती हैं। गगनयान मिशन की तैयारियों के तहत उन आपात स्थितियों से अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने की प्रणालियां विकसित की जा रही हैं।

क्या होगा परीक्षण के दौरान

- एकल तरल चरण वाले विशेष डिजाइन किए गए रॉकेट से सुबह 8 बजे श्रीहरिकोटा से मिशन लाॅन्च किया जाएगा।

- एक मिनट बाद (60.6 सेकंड) पर रॉकेट 11.7 किमी की ऊंचाई पर पहुंचेगा।

- इसी ऊंचाई पर एक आपात स्थिति पैदा होगी और क्रू एस्केप सिस्टम और उससे जुड़ा क्रू मॉड्यूल रॉकेट से अलग हो जाएंगे।

- रॉकेट के बूस्टर बंगाल की खाड़ी में गिर जाएंगे और क्रू मॉड्यूल आगे की यात्रा शुरू करेगा।

- लगभग 90.6 सेकंड बाद 16.7 किमी ऊंचाई पर क्रू एस्केप सिस्टम से क्रू मॉड्यूल भी अलग हो जाएगा धरती की तरफ अपनी वापसी यात्रा शुरू करेगा।

- क्रमानुसार एक-एक कर 10 पैराशूट की तैनाती होगी और क्रू मॉड्यूल श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में गिरेगा।

- बंगाल की खाड़ी में जब क्रू मॉड्यूल लहरों से टकराएगा तो उसका वेग महज 8.5 मीटर प्रति सेकंड रहेगा।

- नौसेना के गोताखोर क्रू मॉड्यूल को हासिल कर लेंगे।

- टीवी डी-1 का बूस्टर श्रीहरिकोटा तट से लगभग 6 किमी की दूरी पर बंगाल की खाड़ी में गिरेगा।

क्या होंगी विशेषताएं

-लगभग 1.2 मैक (1482 किमी प्रति घंटा) की गति पर पैदा होगी आपात स्थिति और क्रू एस्केप सिस्टम क्रू मॉड्यूल को अलग करेगा।

-इस परीक्षण मिशन में दबावरहित क्रू मॉड्यूल का प्रयोग किया जा रहा है। वास्तविक मिशन में दबावयुक्त और धरती के वातावरण से मेल खाने वाला क्रू मॉड्यूल होगा।

मिशन के दौरान नेविगेशन, गाइडेंस, कंट्रोल सिस्टम, पैराशूट प्रणाली, एवियोनिक्स, डायनामिक प्रेशर, अधिकतम त्वरण की स्थिति, कुछ क्षणिक अप्रत्याशित गतिविधियां आदि भी परखे जाएंगे।

-मिशन की सफलता के बाद दूसरा यानी, टीवी-डी-2 मिशन होगा लांच।

- विशेष प्रक्षेपण यान टीवी डी-1 का कुल भार 44 टन।

- क्रू मॉड्यूल का कुल भार- 4250 किलोग्राम।