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ग्लोबल हंगर इंडेक्स में पाकिस्तान-नेपाल से भी पिछड़ा भारत, जानिए सरकार ने रिपोर्ट को गलत क्यों बता दिया

India Rank in Global Hunger Index: भारत वैश्विक भूख सूचकांक (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) में पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी नीचे पहुंचा गया है।

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India Rank in Global Hunger Index: ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) की सालाना रिपोर्ट में भारत 125 देशों में से 111वें स्थान पर है, जो पिछले साल से चार स्थान फिसल गया है। जैसे ही जीएचआई की ये रिपोर्ट आई सरकार ने इसे त्रुटिपूर्ण और गलत बताते हुए खारिज कर दिया है। गुरुवार (12 अक्टूबर ) को जारी की गई इस रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति बेहतर है। वैश्विक भूख सूचकांक की लिस्ट में पाकिस्तान की रैंकिंग 102, बांग्लादेश 81, नेपाल 69 और श्रीलंका 60वें नंबर पर है। आयरलैंड और जर्मनी के गैर-सरकारी संगठनों क्रमशः कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फे द्वारा गुरुवार को जारी वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है, "2023 ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 28.7 अंक के साथ, भारत में भूखे रहने वालों का स्तर गंभीर है।"


2022 में भारत 125 देशों में से 107वें स्थान पर था

साल 2022 की सालाना रिपोर्ट में भारत का स्थान इस साल से बेहतर था। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में दावों का खंडन किया और कहा कि सूचकांक "भूख' का एक त्रुटिपूर्ण माप बना हुआ है और भारत की वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता है।" जीएचआई रिपोर्ट में पाकिस्तान को 102वें, बांग्लादेश को 81वें, नेपाल को 69वें और श्रीलंका को 60वें स्थान पर रखा गया है। दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका सबसे अधिक भूख स्तर वाले क्षेत्र थे।

मंत्रालय ने कहा, "सूचकांक भूख का एक गलत माप है और गंभीर पद्धतिगत मुद्दों से ग्रस्त है। सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते।"

इसमें कहा गया है, "चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक 'कुपोषित (पीओयू) आबादी का अनुपात' 3,000 के बहुत छोटे नमूना आकार पर किए गए एक जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है।" इस बीच, रिपोर्ट में भारत को दुनिया की सबसे अधिक 18.7 प्रतिशत बाल कमज़ोरी दर के साथ गिना गया है, जो तीव्र कुपोषण का संकेत देता है। भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 15 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 58.1 प्रतिशत है।

कैसे बनती है यह रिपोर्ट?

वैश्विक भूख सूचकांक (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) इसके तहत हर दुनिया में भुखमरी से सम्बंधित ताज़ा आंकड़ें आते हैं। दुनिया में इसे मिटाने को लेकर चलाये जा रहे अभियानों की उपलब्धि और नाकामी का स्टडी किया जाता है। आयरलैंड की 'कंसर्न वर्ल्ड वाइड' और जर्मनी की 'वेल्ट हंगर हाईलाइफ़'। इस इंडेक्स में 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है। वैश्विक भूख सूचकांक का ज़्यादा मतलब उन देशों से है जहां भुखमरी की समस्या ज़्यादा है। इसी रिपोर्ट ने भारत की स्थिति को गंभीर बताया, जिसे सरकार ने फर्जी बता दिया।