5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आयुष्मान भारत PM-JAY में 400 बीमारियों के इलाज की दरें बदलीं, ब्लैक फंगस को शामिल किया

भारत सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 400 तरह की बीमारियों के इलाज की दरें बढ़ा दी हैं। वहीं ब्लैक फंगस के इलाज को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है, इससे लाभार्थियों को राहत मिलेगी।

2 min read
Google source verification
Ayushman scheme

Ayushman scheme

नई दिल्ली। अगर आप आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत 400 तरह की बीमारियों के इलाज की दरें बढ़ा दी हैं। जानकारी के मुताबिक इस योजना में ब्लैक फंगस के इलाज को भी शामिल कर लिया गया है। अब इस योजना से जुड़े अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज भी किया जाएगा, जिससे लाभार्थियों को सुविधा मिलेगी।

20 से 400 प्रतिशत तक बढ़ीं कीमतें

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक संशोधित स्वास्थ्य लाभ पैकेज (HBP 2.2) के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इन पैकेज की दरें 20 से 400 फीसद तक बढ़ा दी है। AB PM-JAY को लागू करने की जिम्मेदारी प्राधिकरण के कंधों पर ही है। बताया गया कि मेडिकल प्रबंधन प्रक्रियाओं के तहत वेंटीलेटर सुविधा से लैस आईसीयू की दर में शत प्रतिशत, बिना वेंटीलेटर सुविधा वाले आईसीयू की दर में 136 फीसद, उच्च निर्भरता इकाई की दर में 22 फीसद और नियमित वार्ड के दाम में 17 फीसद की वृद्धि की गई है।

ब्लैक फंगस का इलाज भी शामिल

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस संबंध में जानकारी साझा की है। अब कैंसर विज्ञान पर संशोधित पैकेज से देश में लाभार्थियों के लिए कैंसर देखभाल बढ़ेगी। भारत में बड़ी संख्या में लोग देर से कैंसर की पहचान होने से इलाज में देरी के चलते जान गवां देते थे, अब ऐसे लोगों को राहत मिलेगी। वहीं ब्लैक फंगस से संबंध नए पैकेज के जुड़ने से लाभार्थियों को बहुत राहत मिलेगी।

यह भी पढ़ें: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया क्यों बढ़ रही तेल की कीमतें

गौरतलब है कि फिलहाल आयुष्मान भारत PM-JAY में 1,669 बीमारियों का इलाज किया जा रहा है, जिनमें 1080 सर्जिकल, 588 मेडिकल और एक अज्ञात पैकेज हैं। सरकार की इस योजना का लक्ष्य 10.74 करोड़ गरीबों परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपए तक की मुफ्त और बेनकदी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है।