28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

GST ने मीडिल क्लास के लोगों को किया मालामाल या कंगाल, खुद PM मोदी ने बताया

GST: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को देशभर में लागू हुए 7 साल हो गए हैं। 1 जुलाई 2017 को मोदी 1.0 सरकार द्वारा इसे लागू किया गया था।

2 min read
Google source verification

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को देशभर में लागू हुए 7 साल हो गए हैं। 1 जुलाई 2017 को मोदी 1.0 सरकार द्वारा इसे लागू किया गया था। इस जीएसटी के अंदर 17 स्थानीय कर और शुल्क समाहित किए गए थे। ऐसे में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सात सालों में आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं पर टैक्स में आई कमी के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम आदमी को जीएसटी से हुए लाभ के बारे में जानकारी दी है।

डेली जरुरत की समानों का कम हुआ दाम

पीएम मोदी ने लिखा कि जीएसटी के जरिए सुधार हमारे लिए 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का एक साधन है। जीएसटी लागू होने के बाद घरेलू उपयोग का सामान काफी सस्ता हो गया है। इससे गरीबों और आम आदमी को काफी बचत हुई है। हम लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए आगे भी इन सुधारों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पीएम मोदी ने इसके साथ जो डाटा लगाया है, उसके अनुसार केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के आंकड़ों की मानें तो जीएसटी लागू होने के बाद आटा, सौंदर्य प्रसाधन, टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर आदि सहित अधिकांश घरेलू सामान सस्ते हो गए हैं।

लोगों पर आर्थिक बोझ कम हुआ- निर्मला सीतारमण

वहीं, इस तरह से घरेलू सामान के सस्ता होने से लोगों पर आर्थिक बोझ कम हो गया है और लोगों की बचत करने की क्षमता में भी सुधार हुआ है। इसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार आटा, सौंदर्य प्रसाधन, टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर आदि सहित अधिकांश घरेलू सामान जीएसटी के दायरे में आने के बाद सस्ते हो गए हैं।" इससे पहले शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, ''मैं करदाताओं को आश्वस्त करना चाहती हूं कि हमारा इरादा जीएसटी करदाताओं के जीवन को आसान बनाना है।''