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गुजरात ATS की बड़ी सफलता, अल-कायदा के 4 आतंकी गिफ्तार, मिली ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी

Al-Qaeda Terrorist Arrested: गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड ने अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया। आतंकियों की पहचान मोहम्मद फैक (दिल्ली), मोहम्मद फरदीन (अहमदाबाद), सैफुल्लाह कुरैशी (मोदासा, गुजरात) और जीशान अली (नोएडा, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है।

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Al-Qaeda terrorist

Courtesy: Gujarat Police

गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने एक बड़े ऑपरेशन में अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से जुड़े चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई गुजरात, दिल्ली और नोएडा में समन्वित रूप से की गई, जिसमें महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी के आधार पर इन आतंकियों को पकड़ा गया। गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान मोहम्मद फैक (दिल्ली), मोहम्मद फरदीन (अहमदाबाद), सैफुल्लाह कुरैशी (मोदासा, गुजरात) और जीशान अली (नोएडा, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है।

ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी

ATS ने इस ऑपरेशन में आतंकियों के पास से अल-कायदा से संबंधित साहित्य, तलवार और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े दस्तावेज बरामद किए। ऑपरेशन सिंदूर, जिसका जिक्र इन दस्तावेजों में मिला, भारत के खिलाफ जिहादी गतिविधियों और प्रोपेगेंडा से जुड़ा है। ATS के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल सुनील जोशी ने बताया कि ये आतंकी सोशल मीडिया के जरिए AQIS की विचारधारा को बढ़ावा दे रहे थे और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने व भर्ती करने में सक्रिय थे।

ऑटो-डिलीट ऐप्स का इस्तेमाल

जांच में पता चला कि ये चारों आतंकी सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम, के जरिए एक-दूसरे से जुड़े थे। दिल्ली के मोहम्मद फैक का पाकिस्तानी इंस्टाग्राम अकाउंट्स के साथ संपर्क था, जो उन्हें जिहादी सामग्री मुहैया कराते थे। आतंकियों ने अपने संचार को छिपाने के लिए ऑटो-डिलीट ऐप्स का उपयोग किया, ताकि उनके संदेशों का कोई निशान न रहे। ATS ने उनके मोबाइल फोनों से जिहाद, गजवा-ए-हिंद और भारत विरोधी प्रचार सामग्री बरामद की।

कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तार आतंकियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (UAPA) की धारा 13, 18, 38, और 39 के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 113, 152, 196 और 68 के तहत मामला दर्ज किया गया है। फरदीन और सैफुल्लाह को 14 दिनों की ATS हिरासत में भेजा गया है, जबकि मोहम्मद फैक और जीशान अली को गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा। ATS अब इनके नेटवर्क, फंडिंग, और विदेशी संपर्कों की गहन जांच कर रही है।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता

ATS ने 10 जून को पांच संदिग्ध इंस्टाग्राम अकाउंट्स के बारे में टिप-ऑफ मिलने के बाद इस ऑपरेशन को शुरू किया था। डिजिटल और फिजिकल सर्विलांस के जरिए इन आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी गई। ATS का कहना है कि ये आतंकी भारत में लोकतंत्र को उखाड़ फेंकने और शरिया कानून स्थापित करने के लिए हिंसक गतिविधियों की योजना बना रहे थे। यह गिरफ्तारी भारत में आतंकवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। ATS और केंद्रीय एजेंसियां अब इनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और संभावित अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी हैं।

सैफुल्लाह के भाई का बयान

सैफुल्लाह के भाई अमीन ने गिरफ्तारी पर हैरानी जताते हुए कहा कि सैफुल्लाह एक फर्नीचर कंपनी में काम करता था और उसका कोई संदिग्ध व्यवहार नहीं था। हालांकि, ATS का कहना है कि उनके पास ठोस सबूत हैं।