
पंजाब बाढ़ में अब तक 45 लोगों की मौत (IANS)
पंजाब के लुधियाना जिले में भारी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। सतलुज नदी के किनारे स्थित धुस्सी बांध के टूटने से क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भारी बारिश और बांध से छोड़े गए अतिरिक्त पानी ने लुधियाना, फिरोजपुर, अमृतसर, और गुरदासपुर सहित पंजाब के कई जिलों में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
लुधियाना में सतलुज नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण धुस्सी बांध में मिट्टी का कटाव हुआ, जिसके बाद गुरुवार को बांध का एक हिस्सा टूट गया। इससे सटे ससराली और आसपास के गांवों में पानी भर गया, जिससे सैकड़ों घर और हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई। बाढ़ के पानी ने चंदननगर, उपकार नगर, कुंदन पूरी, शिव पुरी, और ढोका मोहल्ला जैसे इलाकों में भी प्रवेश कर लिया, जिससे स्थानीय बाजारों और घरों को भारी नुकसान हुआ।
पंजाब में बाढ़ से अब तक 45 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें लुधियाना में चार मौतें शामिल हैं। गुरदासपुर में सबसे अधिक 6 लोगों की मौत दर्ज की गई है, जबकि अमृतसर, बरनाला, मानसा, रूपनगर, और होशियारपुर में तीन-तीन लोगों की जान गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन भारी बारिश और नदियों के उफान ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना, एनडीआरएफ, और स्थानीय प्रशासन की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। लुधियाना की डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक ने दावा किया है कि प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। धुस्सी बांध को मजबूत करने के लिए रोपड़ और हिमाचल प्रदेश से एक लाख रेत के बोरे और पत्थर मंगवाए गए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रभावित गांवों में गजटेड अधिकारियों को तैनात करने के आदेश दिए हैं ताकि पीड़ितों की समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके।
बाढ़ ने पंजाब के किसानों को भीषण नुकसान पहुंचाया है। गुरदासपुर में 40,169 हेक्टेयर और अमृतसर में 26,701 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। राज्य में करीब 2.5 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न है, जिससे 9,000 करोड़ रुपये की फसलों को नुकसान हुआ है। सरकार ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसी बारिश और बाढ़ पहले कभी नहीं देखी गई।
Published on:
06 Sept 2025 12:14 pm
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