IMD ने क्या बताया मौसम विभाग ने अपने अपडेट में कहा कि जिला कुल्लू व लाहौल घाटी में शुक्रवार सुबह से झमाझम बारिश दर्ज की गई। रोहतांग के साथ लाहौल की ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिरे हैं। इससे तापमान में गिरावट आई है। वहीं भारी बारिश से कुल्लू जिला मुख्यालय की सड़कें और रास्ते कुछ ही देर के भीतर पानी से लबालब हो गए। बारिश ने लोक निर्माण विभाग और नगर परिषद की व्यवस्था की भी पोल खोल दी है। जिले की मुख्य सड़क (एमडीआर) पर गांधीनगर से लेकर रामशिला तक पानी बह रहा है।
वहीं नगर परिषद के सभी 11 वार्डों के पैदल रास्ते भी तालाब बन गए, जिसके कारण राहगीरों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू पहुंचने में मरीजों और तीमारदारों को उठानी पड़ रही है। लालचंद्र प्रार्थी कलाकेंद्र से अस्पताल गेट आने वाला पैदल रास्ते में भी जल भराव हुआ है। वहीं ढालपुर से कॉलेज चौक तक अस्पताल सड़क पर भी जगह-जगह पानी जमा हो गया है। प्रदेश की राजधानी शिमला में भी दोपहर करीब पौने तीन बजे बारिश शुरू हुई।
क्या-क्या प्रभावित हुआ
राज्य में शुक्रवार सुबह तक राज्य में 40 सड़कों व तीन पुलों पर आवाजाही बाधित रही जबकि 32 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित चल रहे हैं। मंडी-कुल्लू मुख्य मार्ग मंडी-पंडोह के बीच 6, 7 और 9 मिल के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। उधर, अगले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश के शिमला, सिरमौर, सोलन, मंडी और बिलासपुर जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और पड़ोस में बाढ़ का हल्का जोखिम होने की संभावना है। इस मानसून सीजन के दौरान सितंबर में अभी तक सामान्य से 13 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। ऊना, लाहौल-स्पीति, कुल्लू व किन्नौर जिले को छोड़कर अन्य सभी में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। बिलासपुर जिले में सामान्य से 91, चंबा आठ, हमीरपुर 51, कांगड़ा पांच, मंडी 94, शिमला 19, सिरमौर 136 और सोलन में 36 फीसदी अधिक बारिश हुई। वहीं, ऊना में सामान्य से 57, लाहौल-स्पीति 77, व किन्नौर में तीन फीसदी कम बारिश हुई।