
रूस-यूक्रेन में फंसा भारतीय युवक (X)
जालंधर के गोबिंदगढ़ गांव का 32 साल का हरमिंदर सिंह बेहतर जिंदगी की तलाश में रूस गया था। जून 2025 में टूरिस्ट वीजा पर पहुंचा। उसे कंस्ट्रक्शन की अच्छी नौकरी और एक साल में परमानेंट रेजिडेंसी (PR) का वादा किया गया। लेकिन चार महीने बाद सब कुछ बदल गया। अब वो रूस-यूक्रेन युद्ध में फंस गया है।
सोशल मीडिया पर हरमिंदर का एक वीडियो वायरल हो रहा है। कांपती आवाज में वो कह रहा है, "मुझे कंस्ट्रक्शन का काम मिलेगा, ऐसा कहा गया। लेकिन यहां आते ही जबरन कागज पर साइन करवाए और सेना में डाल दिया। अब युद्ध के मैदान में हूं। चारों तरफ गोलियां चल रही हैं, ड्रोन हमले हो रहे हैं। कई साथी घायल हैं। मेरी जान खतरे में है। भारत सरकार और रूसी दूतावास से मदद मांगता हूं। मुझे घर वापस भेजो।"
हरमिंदर के भाई गुरमिंदर सिंह ने बताया "एक दोस्त ने कहा रूस में सब नॉर्मल है, कंस्ट्रक्शन जॉब आसानी से मिलेगी। वीजा बढ़ेगा, वर्क परमिट बनेगा, PR मिलेगा। भाई मान गया। लेकिन अब संपर्क मुश्किल है। वो दूर के इलाके में है। ड्रोन, गोलियां, तोपें सब डरावना है।"
पंजाब में ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। सैकड़ों लड़के नौकरी या पढ़ाई के नाम पर रूस भेजे जाते हैं। टूरिस्ट या स्टूडेंट वीजा पर जाते हैं, फिर सेना में धकेल दिए जाते हैं। जालंधर के गुरसेवक सिंह और 14 अन्य लड़कों को इटली भेजने का लालच दिया, रूस पहुंचा दिया।
Published on:
28 Oct 2025 04:20 pm
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