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“मैं केंद्र का हिस्सा नहीं इसलिए मेरे खिलाफ समन”, नोटिस वापस ले ED वरना… हेमंत सोरेन

Hemant Soren ED summons: ईडी के एडिशनल डायरेक्टर को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ईडी इसे वापस लें, नहीं तो वह कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया हैं।

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 Hemant Soren said I am not a part of NDA so summons has been issued

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची में हुए जमीन घोटाला केस में पूछताछ के लिए सोमवार को ईडी के कार्यालय पहुंचना था। लेकिन वह नहीं पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने एक पत्र लिखकर ED के सामने अपना विरोध जताया और संस्था पर केंद्र सरकार के इशारे पर केस दर्ज करके परेशान करने का आरोप लगाया हैं। इसके साथ ही उन्होंने ED ओर से भेजे गए समन को गैरकानूनी बताते हुए वापस लेने को कहा है।

मैं NDA का हिस्सा नहीं इसलिए हो रही कार्रवाई- मुख्यमंत्री सोरेन

ED के एडिशनल डायरेक्टर को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ईडी इसे वापस लें, नहीं तो वह कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकरा पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया हैं। उन्होंने ED के एडिशनल डायरेक्टर को लिखे अपने पत्र में कहा है कि उन्हें समन की कार्रवाई से उन्हें आश्चर्य नहीं हुआ है। यह कार्रवाई केंद्रीय एजेंसियां इसलिए कर रही हैं क्योंकि वह उस दल से जुड़े नहीं हैं, जो दल केंद्र की सत्ता में है।

कानूनी कार्रवाई करने को मजबूर

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED को लिखे अपने पत्र में कहा कि उनके खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है वो राजनीति से प्रेरित है। और इस कार्रवाई में ED केंद्र का साथ दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि मुझसे ईडी ऐसी कोई भी जानकारी और दस्तावेज ले सकती है, जो ईडी के पास नहीं है। मैं उपरोक्त समन को तुरंत वापस लेने का अनुरोध करता हूं, अन्यथा कानूनी कार्रवाई करने को मजबूर होउंगा।


13 अप्रैल को ईडी ने मारा था छापा

बता दें ED ने रांची में जमीन घोटाले से जुड़े मामले में 9 और 15 फरवरी को बड़गाई अंचल का सर्वे किया था। इसके अलावा कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ इंश्योरेंस कार्यालय का भी सर्वे किया था। इसके बाद ईडी ने 13 और 24 अप्रैल को जमीन घोटाला केस में छापेमारी की थी। जमीन घोटाले में सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर के यहां छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज ईडी को मिले थे।

उस छापे के बाद ईडी ने जमीन मालिकों और सरकारी पदाधिकारियों का बयान अलग-अलग तारीखों में दर्ज किया था। ईडी ने जांच के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तलब किया है। बताया जाता है कि एजेंसी ने ऐसी आदिवासी जमीनों को चिह्नित किया है जिसपर मुख्यमंत्री या उनके परिवार के किसी सदस्य का कब्जा रहा है। चुनावी हलफनामे में इन जमीनों का जिक्र नहीं किया गया है।

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