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सहकारिता-स्वास्थ्य का ये संगम भारत की समृद्धि और विकास का संगम, प्रधानमंत्री मोदी का भागीरथ प्रयास, 60 करोड़ गरीबों को मिली दवाइयाँ

गृहमंत्री अमित शाह आज यानी सोमवार को प्रधानमंत्री भारतीय जन- औषधि केंद्र के संचालन के लिए स्टोर कोड वितरित करने के कार्यक्रम में पहुंचे । इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेनरिक दवाओं की व्यवस्था को स्ट्रीमलाइन कर जन-औषधि केंद्र के ज़रिए 60 करोड़ गरीबों तक दवाइयाँ उपलब्ध करवाई। मोदी की गारंटी सार्थक करने की दिशा में कदम है।

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Home Minister Amit Shah reached program to distribute store codes for operation of Prime Minister Bharatiya Jan Aushadhi Kendra

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2373 PACS जन औषधि केंद्र के रूप में स्थापित होंगे।

अनुराग मिश्रा। नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तय किया गया है कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को अन्य कामों में जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए और आज इसी उद्देश्य का विस्तार हो रहा है। देश भर की 2373 PACS को सस्ती दवा की दुकान यानी जन औषधि केंद्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 5 राज्यों के PACS को प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केंद्र के संचालन के लिए स्टोर कोड वितरित करने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बातें कही।

PACS ग्रामीण इलाकों में सस्ती दवा उपलब्ध कराने में सहायता करेगी
जन औषधि केंद्र ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, जिसकी वजह से केवल शहर के गरीबों को ही उनका फायदा मिलता था और उन्हें 10 रुपए से लेकर 30 रुपए तक सस्ती दवाएं मिलती थीं, मगर PACS के माध्यम से अब ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों और किसानों के लिए भी सस्ती दवाइयां उपलब्ध होंगी।

जन औषधि केंद्र के ज़रिए 60 करोड़ गरीबों को मिली सस्ती दवा
शाह ने बताया की मोदी जी ने फार्मेसी के क्षेत्र में ढेर सारे सुधार किए और आज पूरे विश्व में भारत फार्मा क्षेत्र का एक विश्वस्त उत्पादक देश बन गया है। लेकिन एक विडंबना थी कि दुनिया भर को दवाएं भेजने वाले भारत में 60 करोड़ की आबादी ऐसी थी जिनके भाग्य में दवाएं नहीं थीं, क्योंकि दवाएं महंगी होने के कारण वे दवाएं खरीद ही नहीं पाते थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेनरिक दवाओं की व्यवस्था को स्ट्रीमलाइन कर भारतीय जन-औषधि केंद्र के माध्यम से 60 करोड़ गरीबों तक दवाइयाँ उपलब्ध करवाई। इससे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत सुधार हुआ।

25,000 करोड़ रुपया की बचत
शाह ने कहा कि बीते नौ साल में जन औषधि केंद्रों के माध्यम से इस देश के गरीबों के लगभग 25,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।

सहकारिता और स्वास्थ्य का ये संगम भारत की समृद्धि और विकास का संगम
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता एवं स्वास्थ्य का यह संगम समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का संगम है। उन्होंने कहा कि आज कई राज्यों में सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से PACS की शुरुआत हुई है और लगभग 2300 प्राथमिक सहकारी समितियां गुजरात, जम्मू—कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में ग्रामीण क्षेत्र में सस्ती दवाइयां पहुंचाने का काम कर रही हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उवर्रक मंत्री मनसुख मांडविया, सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।