
Spitting on the Road : नगर निगम के अफसरों ने एक बार मौके पर कार्रवाई की थी। फाइल फोटो
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की एक घटना दिल दहला देने वाली है। एक दिन पहले ड्राइवर के गुटखा थूकने के चक्कर में भीषण हादसा हो गया और एक व्यापारी मारा गया। ड्राइवर 100 की रफ्तार से गाड़ी भगा रहा था और दरवाजा खोलकर थूकने लगा। इतने में गाड़ी का बैलेंस बिगड़ा और इनोवा दो पलटी खाकर दूसरे वाहनों से टकराई गई। ड्राइवर की जरा सी गलती से एक जान चली गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। देश में पहले भी ऐसी घटनाएं होती रही हैं, लेकिन लोग सुधरते नहीं हैं।
सड़क पर गुटखा थूकने वालों को सबक सिखाने के लिए एक बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सार्वजनिक मंच से शानदार नुस्खा दिया था। उन्होंने कहा था कि पहले मेरी आदत भी सड़क पर चलते वक्त कचरा फेंकने की थी। लेकिन अब चॉकलेट वगैरह खाता हूं तो उसका रेपर जेब में रख लेता हूं और कूड़ेदान में डालता हूं।
गडकरी ने कहा कि गुटखा खाने वाले यहां-वहां थूक देते हैं। उन्हें अगर सबक सिखाना है तो ऐसे लोगों की फोटो खींचकर अखबार को भेजिए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी ऐसे प्रयोग किए थे।
देश में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने या गंदगी फैलाने पर अलग-अलग जुर्माने अथवा सजा का प्रावधान है। कई राज्यों में 200 रुपये तक जुर्माना भी है। लेकिन इसका ढंग से पालन नहीं हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक स्मोकलेस टुबैको (एसएलटी) यानी गुटखा, खैनी और पान की सबसे ज्यादा खपत है। 140 देशों के करीब 35 करोड़ लोग इसके ग्राहक हैं। इनमें 82 फीसद लोग दक्षिण पूर्व एशिया में रहते हैं।
2021 में जब कोविड के मामले चरम पर था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की थी कि यहां-वहां थूकना बंद करें। इससे इंफेक्शन फैल सकता है। उस दौरान तंबाकू उत्पादों पर पाबंदी भी लगी थी। लेकिन बाद में फिर गुटखा खाने वाले बेपरवाह हो गए।
Updated on:
05 Jun 2025 01:54 pm
Published on:
04 Jun 2025 08:53 pm
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