IIT Gandhinagar Students Research: फल और सब्जी के जल्द खराब होने की समस्या से जूझने वाले किसान और व्यापारियों के लिए एक खुश खबर आई है। गांधीनगर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन (IIT) के एमएससी-एमएड के विद्यार्थियों की टीम ने शोध में पाया कि एलोवेरा (ग्वारपाठा) की एडिबल नैनो कोटिंग करने पर सब्जी और फल 25 दिनों तक खराब नहीं होते हैं। यह ताजे रहते हैं। इनका रंग नहीं जाता। इनका स्वाद भी प्रभावित नहीं होता। अहम बात यह है कि इसमें न तो कोई केमिकल है, न ही वैक्स है। यह प्राकृतिक उत्पाद होने के चलते स्वास्थ्य के अनुकूल है। भारत में 30-40 फीसदी फल-सब्जियां जल्द खराब हो जाती हैं। ऐसे स्थिति में यह खोज काफी अहम मानी जा रही है।
शोध में पाया कि एलोविरा एडिबल नैनो कोटिंग के जरिए फल और सब्जी के रंग, स्वाद और एंटी ऑक्सीडेंट में भी वृद्धि देखी गई है। इस कोटिंग में कैंसर से लड़ने की क्षमता पाई गई है। फल का शुगर लेवल, प्रोटीन, फिनोल व नमी का प्रमाण भी वैक्स कोटिंग की तुलना में बेहतर तरीके संजोया। इसकी कोटिंग फलों को नमी, सूर्य के प्रकाश, सूक्ष्म जीवाणुओं से बचाती है।
फल और सब्जियों को तोड़ने के बाद उनका बेहतर संग्रह, देख-रेख नहीं होने के चलते भारत में 30-40 फीसदी उत्पादन जल्द खराब हो जाता हैं। विश्व में यह आंकड़ा 35-54 फीसदी है। ऐसे में यह शोध इन फल और सब्जियों को लंबे समय तक तरोताजा बनाए रखने और खराब होने से बचाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इससे किसानों और व्यापारियों को काफी आर्थिक लाभ होगा।
IIT के लाइफ साइंस के एसोसिएट प्रो.डॉ.मेहुल दवे के मार्गदर्शन में एमएससी-एमएड के छात्र यशवंत वाणिया, व्रज पारगी और राहुल वंजारा ने यह महत्वपूर्ण शोध किया है। इसमें डॉ.भानू सोलंकी के मार्गदर्शन में ये विद्यार्थी अपनी इस शोध का पेटेंट प्राप्त करने के साथ इस क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने में जुटे हैं। विद्यार्थियों ने संस्थान परिसर स्थित संजीवनी मेडिसनल पार्क में ही एलोवेरा उगाया। इस एलोवेरा के एडिबल नैनो कोटिंग को टमाटर, शिमला मिर्च और बैंगन पर प्रयोग किया। इसमें पाया गया कि जिन टमाटर, शिमला मिर्च व बैंगन पर इसकी नैनो कोटिंग की गई थी उनकी सेल्फ लाइफ अपेक्षाकृत गैर नैनो कोटिंग वाले सब्जियों से 25 दिन तक अधिक रही।
Published on:
25 Jul 2024 08:35 am