
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर मुस्लिम नेता व सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का तारीफ करना भारी पड़ गया। बसपा प्रमुख मायावती के निर्देश के बाद आज उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। मसूद पर कांग्रेस से नजदीकी बढ़ाने और पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप था।
इसके बाद जिला अध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद ने प्रेस नोट जारी कर इमरान मसूद को पार्टी से निष्कासन की जानकारी दी है। बता दें मसूद भाजपा को छोड़ यूपी की सभी प्रमुख पार्टियों में रह चुके हैं। लेकिन पहली बार 2014 में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए थे।
पार्टी हाईकमान के निर्देश पर निष्कासन- जिला अध्यक्ष
इमरान मसूद के इस तरह से निष्कासन पर बसपा के जिला अध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद ने बताया कि मसूद को पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने और पार्टी विरोधी गतिविधि में लिप्त होने के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया है। पार्टी हाईकमान से के निर्देश पर यह निष्कासन हुआ है। बता दें मसूद ने कुछ दिनों पहले एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की खूब तारीफ की थी।
बसपा ने दिया था चुनाव लड़ने का संकेत
हालांकि एंकर के पूछने पर कि क्या वह फिर से कांग्रेस में शामिल होने का विचार कर रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा था कि उन्हें बहनजी ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयारी करने के निर्देश दे रखे हैं, फिर भी चाहे जो हो जाए मुझे लोकसभा चुनाव तो हर हाल में लड़ना है।
उनका सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से सियासी गलियारों में उनका फिर से पाला बदलने की चर्चा तेज हो गई हैं। अब बसपा से निष्कासित किए जाने के बाद से इमरान मसूद ने अभी चुप्पी साध रखी है। उनका कहना है कि वह जल्दी अपना पक्ष बताएंगे। लोगों से सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला लूंगा। इससे कयास लगाए जा रहा है कि वह फिर कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं।
भाजपा छोड़ यूपी की सभी प्रमुख पार्टियों में रह चुके हैं मसूद
बता दें कि कांग्रेस से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले इमरान मसूद का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम वोटरों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह पिछले कई साल से कांग्रेस से जुड़े रहे। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस छोड़ सपा का दामन थाम लिया था।
कहा जाता है कि उस समय सपा प्रमुख ने उन्हें चुनाव न लड़ने और सपा उम्मीदवारों के जीताने के लिए कहा था। इसके साथ ही उन्होंने मसूद को आश्वासन दिया था कि सपा की सरकार बनने के बाद उन्हें विधान परिषद के जरिए सरकार में शामिल किया जाएगा। लेकिन सपा के हारने और जुलाई में हुए विधान परिषद चुनाव में सपा की तरफ से विधान परिषद ने भेजे जाने के बाद उन्होंने अक्टूबर में बसपा का दामन थाम लिया था। हालांकि अब बसपा से निकाले जाने के बाद वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
पार्टी पर दबाव बनाकर लिया था मेयर का टिकट
प्रेस रिलीज में लिखा है कि इमरान ने यूपी नगर निकाय चुनाव में सहारनपुर मेयर की टिकट अपने परिवार के सदस्य को देने के लिए दबाव बनाया था। इस दौरान इनको इस शर्त पर मेयर पद का टिकट दिया गया कि यदि इनके परिवार का सदस्य मेयर का चुनाव हार जाता है तो फिर उनको लोकसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा। यदि वह मेयर का चुनाव जीत जाता है तो तब लोकसभा सहारनपुर के टिकट देने का इनके बारे में जरूर सोच-विचार किया जाएगा।
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Published on:
29 Aug 2023 06:18 pm
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