छोटी कक्षाएं कर दी गई बंद
हाल ही में शहर के सेक्टर-26 स्थित प्राइवेट स्कूल में पांच साल से छोटे बच्चे में हाथ, पैर और मुंह के जरिए फैलने वाले संक्रमण के पहला मामला सामने आया। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चे के सैंपल लेकर जांच की गई तो उसमें एचएफएमडी की पुष्टि हुई है। बीते दिनों शहर के एक अन्य निजी स्कूल में भी एक बच्चा एचएफएमडी से संक्रमित मिला था। इसके बाद बाद स्कूल में सभी छोटे बच्चों की कक्षाएं को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
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बच्चों को लेकर अभिभावकों को चिंता
स्कूलों की तरफ से अभिभावकों को घरों में अपने बच्चों पर नजर रखने को कहा है। बच्चों में इस बीमारी के कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि इससे डरने की बात नहीं है। यह अभी काबू में है। पैरेंट्स को इस बीमारी की पहचान के बाद जल्द से जल्द डॉक्टरों को दिखाना चाहिए, ताकि बीमारी बढ़े नहीं।
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कितनी खरतनाक यह बीमारी
यह बीमारी को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। यह बहुत संक्रामक बीमारी है और इसका वायरस बहुत तेजी से फैलता है। हालांकि 7 से 10 दिनों में यह अपने आप ठीक हो जाता है। बीते दो साल से कोविड की वजह से बच्चों में इम्युनिटी नहीं बनी है, इसलिए थोड़ा ज्यादा हो रही है। इम्युनिटी हमेशा एक्सपोजर से होती है, जब बाहर निकलेंगे तो संक्रमण होगा, ठीक होंगे फिर इम्युनिटी बनेगी। बच्चे दो साल से घरों में बंद थे। इसलिए उनमें कई तरह की इम्युनिटी की कमी है। अब धीरे.धीरे यह सब ठीक होगा।
एचएफएमडी के लक्षण
इस बीमारी में वायरस का हाथ, पैर और मुंह पर ज्यादा हमला करता है। इस वजह से इसे हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज कहा जाता है। एंटिरोवायरस इस बीमारी की वजह है। इसके अटैक में मुंह, हाथ और पैर पर छाले बन जाते हैं। इनमें बहुत दर्द होता है। छोटे बच्चों में इसका ज्यादा असर देखने को मिलता है। ऐसे में बच्चे परेशान हो जाते हैं। कई बार बच्चे फोड़े को फोड़ देते हैं, जिससे जख्म बन जाता है। मानूसन के मौसम की वजह दिक्कत बढ़ जाती है।