
Independence Day : भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त 1947 की आजादी के जश्न में हर देशवासी डूबा हुआ है। भारत 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी की जंजीर में जकड़ा था। ब्रिटिश हुकूमत में खुद की पहचान बनाए रखने के लिए भारत ने बहुत संघर्ष किया था। देश को आजाद कराने के लिए सैकड़ों क्रांतिकारियों ने प्राणों का बलिदान दिया था। आजादी के तीन साल बाद 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था। इसके बाद भारत सरकार ने देश के जवानों की बहादुरी के लिए वीरता पुरस्कार- परम वीर चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र देने शुरू किए थे।
परमवीर चक्र: भारतीय सेना का सर्वोच्च सम्मान है। देश के जवानों को कर्तव्य पथ पर दुश्मनों से मुकाबला करते समय अदम्य साहस दिखाने के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया जाता है। 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर यह मेडल अस्तित्व में आया था।
महावीर चक्र: भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों को दिया जाता है। कर्तव्य पथ पर दुश्मनों का डटकर सामना करने के लिए जवानों को यह मेडल प्रदान किया जाता है। महावीर चक्र के अलावा सरकार हर महीने उन्हें एक तय राशि भी देती है। चांदी से बना हुआ यह गोलाकार मेडल सफेद और नारंगी रंग के फीते से बंधा होता है।
कीर्ति चक्र : देश के वीर जवानों के परम साहस और दृढ़ संकल्प के लिए दिया जाता है। यह मेडल सेना, नौसेना, वायु सेना और रिजर्व सेना के कर्मचारी से लेकर अधिकारी को प्रदान किया जाता है। हरे रंग के फीते में लटका हुआ यह मेडल गोलाकार होता है। इसकी शुरुआत 4 जनवरी 1952 को की गई थी।
वीर चक्र: भारतीय जवानों को उनकी अदम्य और असाधारण वीरता के लिए प्रदान किया जाता है। यह मेडल गोलाकार होता है, जिसके बीच में पांच नोक बने होते हैं। वीर चक्र के अलावा वीर जवानों को हर माह एक तय राशि भी दी जाती है। वीर चक्र की शुरुआत भी 26 जनवरी 1950 को हुई थी।
शौर्य चक्र: कांसे से बना हुआ गोलाकार पदक होता है। यह मेडल पीस टाइम गैलेंट्री अवॉर्ड की श्रेणी में आता है। दुश्मनों से मुकाबला करते समय अदम्य साहस का परिचय देने के लिए, भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के वीर जवानों को यह पदक दिया जाता है। शौर्य चक्र की शुरुआत 4 जनवरी 1950 को हुई थी।
Updated on:
15 Aug 2024 12:21 pm
Published on:
15 Aug 2024 12:05 pm
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